DESK: देश में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए कई राज्यों में लॉकडाउन लगाए गए हैं, तो वहीं कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी सख्ती बरती जा रही है. इस दौरान पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों से सख्ती से नियमों का पालन करवाएं, उन्हें बेवजह घर से बाहर निकलने पर रोकें. कोरोना काल में पुलिस द्वारा सख्ती और पिटाई की कई खबरें सामने आई है. हालांकि पुलिस जितनी कठोर दिखती है, उतनी होती नहीं है. जरूरतमंदो की मदद के लिए पुलिस हमेशा ही तत्पर रहती है. कुछ ऐसा ही नजारा दिखा भोपाल में, जहां गर्भवती की मदद के लिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने अपनी सरकारी गाड़ी दे दी.
भोपाल के अरेरा हिल्स थाना प्रभारी आरके सिंह एक चेकिंग पॉइंट का जायजा लेने जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते किनारे एक महिला दर्द से तड़प रही थी. यह देख आरके सिंह ने अपनी सरकारी गाड़ी को रोका और महिला के साथ मौजूद बुजुर्ग महिला से बातचीत की. इस बातचीत में उन्हें पता चला कि महिला गर्भवती है और उसे सुल्तानिया अस्पताल जाना है, लेकिन कोरोना कर्फ़्यू की वजह से उसे कोई साधन नहीं मिल रहा है. महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी, जिसे देखकर थाना प्रभारी तत्काल अपनी ही गाड़ी में उस गर्भवती महिला को सुल्तानिया अस्पताल ले गए और वहां के स्टाफ को तुरंत इलाज शुरू करने को कहा.
इस तरह त्वरित मदद कर थाना प्रभारी आरके सिंह ने इंसानियत की मिसाल ही पेश नहीं की, बल्कि महिला की जान भा बचा ली. अगर महिला को वक्त पर मदद नहीं मिलती तो जच्चा-बच्चा की जान पर बन सकती थी. ठीक इसी तरह पुलिस आम जनता की हर संभव मदद कर रही है. उन्हें जागरूक करने का काम कर रही है. अरेरा थाना पुलिस ने कर्फ्यू के दौरान आर्थिक रूप से अक्षम लोगों की मदद के लिए कई झुग्गी बस्तियों में लोगों को फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए हैं.