डेस्क... कोरोना के कारण सबसे खराब स्थिति छोटे-छोटे प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थानों की है। वे भुखमरी के कगार पर हैं। इसे लेकर शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के कलेक्ट्रियट परिसर में में शिक्षा बचाओ संघर्ष मोर्चा की ओर से प्रदर्शन किया गया। इसके बाद रैली निकाल भिक्षाटन किया। शिक्षकों की ओर से नारे लगाए गए- जब तक शिक्षक भूखा है, ज्ञान का सागर सूखा है।
संयोजक विकास शुक्ला ने बताया कि साकेतिक भिक्षाटन के माध्यम से सरकार और शासन का ध्यान अपनी मागों की ओर आकृष्ट कराया गया है। सभी स्कूल-कोचिंग को तत्काल प्रभाव से खोलने, संस्थानों को कोरोना काल का आíथक पैकेज मुहैया कराने और स्कूलों के बसों का टैक्स, बिजली बिल एवं सभी प्रकार के शुल्क माफ करने की मांग की गई। कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से 300 निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति रद कर दी गई है। इन्हें अविलंब बहाल किया जाए। दस दिनों के भीतर मांगों पर विचार नहीं करने पर चक्का जाम करने का एलान किया गया है।
मौके पर राजेश कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, रंधीर कुमार, मुकुट मणि, मनोज कुमार सिन्हा, रंजन कुमार सिन्हा, ललन कुमार, राम जानकी सिंह, अनमोल कुमार, मोहन गुप्ता, नागेंद्र कुमार, बालेंद्र कुमार, वरुण कुमार त्रिपाठी, हरिशकर सिंह, विकास कुमार, रंजन कुमार, कुंदन कुमार, धनजय कुमार, ,मुन्ना सिंह, मोहम्मद शमशेर, कामू सर, जितेंद्र कुमार, प्रशात कुमार, परशुराम कुमार, इरफान सर बार्शी सर, गुंजन, चंदन कुमार, अखिलेश कुमार, भरत सिंह, महेश कुमार, राकेश कुमार, प्रभात कुमार, मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव, सुनील कुमार, आदित्य रंजन, नीरज कुमार, संतोष कुमार झा सहित शहर के लगभग 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के निदेशक, प्राचार्य व शिक्षक मौजूद रहे।