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विधानमंडल में हेलमेट पहनकर पहुंचे मुकेश रौशन और सतीश दास, आक्रामक तेवर में कहा- सत्ता पक्ष को घेरेंगे, सीएम से माफी मंगवा कर रहेंगे

विधानमंडल में हेलमेट पहनकर पहुंचे मुकेश रौशन और सतीश दास, आक्रामक तेवर में कहा- सत्ता पक्ष को घेरेंगे, सीएम से माफी मंगवा कर रहेंगे

PATNA: बिहार में आज से मानसून सत्र की शुरूआत हो चुकी है। पहले दिन विधानसभा के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के तेवर काफी कड़े दिखे। विपक्षी विधायक बजट सत्र की कुंठा से ग्रसित दिखे। वह लगातार बजट सत्र में 23 मार्च की घटना का जिक्र करते दिखे और कह दिया कि विधायकों की पिटाई को लेकर सीएम नीतीश कुमार सदन में माफी मांगे। वहीं विपक्ष की इस मांग का विरोध भी दिखा। सत्ता पक्ष के विधायकों का इस मसले पर कहना कहा कि माफी सीएम को नहीं, बल्कि विपक्ष के नेताओं को मांगनी चाहिए। उनकी हरकतों की वजह से दुनिया में बिहार की गलत छवि गई थी। 

इसी बीच राजद के दो विधायक सतीश दास और मुकेश रौशन विधानसभा के बाहर हेलमेट पहने नजर आए। इस तरह से विधानसभा आने की वजह पूछे जाने पर राजद विधायक मुकेश रौशन दो टूक कहा कि सेल्फ डिफेंस के लिए हेलमेट पहनकर आए हैं। जब बिहार में विधायक ही सुरक्षित नहीं है तो आम अवाम की क्या सुरक्षा होती होगी? बजट सत्र में हमारे विधायकों और साथियों के साथ इतना घृणित और निंदनीय व्यवहार हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। उस मामले पर मुख्यमंत्री चुप नहीं बैठ सकते हैं। हम उनसे सदन में माफी मंगवा कर रहेंगे। इसके अलावा मुकेश रौशन ने कहा कि मानसून सत्र में सरकार को कोरोनाकाल में हुई लूट, युवाओं को मिलने वाले रोजगार, शिक्षकों की पक्की नौकरी के मामले पर घेरेंगे। हर मामले पर मजबूती से जवाब देंगे औऱ सवाल भी करेंगे। यदि कोई हमसे फरियाएगा, तो हम भी तैयार हैं। इसके अलावा जातिगत जनगमणना के मामले पर राजद विधायक का कहना था कि इस मामले पर हम सीएम के साथ नहीं है, बल्कि सीएम हमारे साथ हैं। सुप्रीमो लालू यादव पहले से ही इसके पक्षधर रहे हैं। अब यदि सीएम हमारा समर्थन करते हैं तो हम बेशक उनके साथ हैं।


वहीं मखदुमपुर से राजद विधायक सतीश दास भी हेलमेट पहने नजर आए। इस तरह से विधानसभा आने की वजह पूछे जाने पर राजद विधायक ने कहा कि पिछले सत्र में नीतीश कुमार के इशारे पर निजी गुंडे और बाहरी पुलिसकर्मियों को बुलाया गया औऱ जानलेवा हमला हुआ। पीएमसीएच में हमारा लंबा इलाज चला, जिसके बाद हमारी जान बची है। अब तो हम विधानसभा के अंदर भी असुरक्षित महसूस करते हैं। इस वजह से ही आत्मरक्षा के लिए हेलमेट लगाकर आए हैं। अब तो हमें सराकर पर भी विश्वास नहीं है, क्योंकि जिन लोगों ने हमपर हमला किया, उस समय के तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने अपशब्दों का प्रयोग कर हमपर हमला करवाया, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मात्र दो कॉन्सटेबलों पर कार्रवाई की गई। विधानसभा अध्यक्ष बताएं वह दो कॉन्सटेबल किसके इशारे पर काम कर रहे थे?

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