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बड़े वादे करने वाले मुकेश सहनी वीआईपी के 26 नेताओं को देंगे 'गच्चा'! कार्यकर्ताओं को भूल 'खुद' को आबाद करने में जुटे

बड़े वादे करने वाले मुकेश सहनी वीआईपी के 26 नेताओं को देंगे 'गच्चा'! कार्यकर्ताओं को भूल 'खुद' को आबाद करने में जुटे

PATNA: तेजस्वी यादव की तरफ से मुकेश सहनी को ठिकाना लगाए जाने के बाद भाजपा ने उन्हें अपना लिया था और खुद के हिस्से की विधानसभा की 11 सीटें और विधान परिषद की एक सीट दी थी। एनडीए के साथ मिलकर विधान सभा की 11 सीटों पर चुनाव लड़ी वीआईपी के चार कैंडिडेट चुनाव जीते,लेकिन पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी ही चुनाव हार गए। चुनाव के दौरान ही मुकेश सहनी ने एक अनोखी घोषणा कर सबको चौंका दिया था।लेकिन अब वे अपनी घोषणा से पीछे हट रहे हैं .

खुद के लिए समाज को भूले मुकेश सहनी

दरअसल वीआईपी ने अपने कोटे में आने वाली एक विधान परिषद सीट के लिए कुल 26 दावेदारों के नाम की भी घोषणा की थी। मुकेश सहनी ने बजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी के साथ तालमेल में एमएलसी कोटे की जो 1 सीट मिली थी उसके दावेदारों के नाम का ऐलान किया था. एक सीट के लिए सहनी ने 15 अक्टूबर 2020 को 26 दावेदारों की लिस्ट जारी की थी।तब कहा था कि इन्हीं 26 चेहरों में से किसी हम विधान परिषद भेजेंगे. लिस्ट में जितने भी लोग शामिल थे, सभी अति पिछड़ा तबके से आते थे। 

मुकेश सहनी ने अति पिछड़ा के 26 नेताओं को दिया धोखा

जानकार बताते हैं कि मुकेश सहनी अपने दल के 26 नेताओं को धोखा देने की तैयारी कर लिये हैं. जिन 26 दावेदारों की लिस्ट सार्वजनिक की थी अब उनमें किसी एक को विधान परिषद नहीं भेजेंगे,बल्कि वे खुद इसके दावेदार हो गए हैं. इस तरह से मुकेश सहनी राजनीति के पहले वादे को ही भूल गए. इससे भी बड़ी बात यह कि अपने उन 26 नेताओं के विश्वास को तार-तार कर दिया.जिन अति पिछड़े नेताओं ने इन्हें और इनकी पार्टी की मजबूती के लिए काम किया उनकी चिंता छोड़ अब वे खुद विधान परिषद जाने को बैचेन हैं. उन्हें सिर्फ अपनी सेटिंग की चिंता है,तभी तो उन्हें अब 26 संभावित उम्मीदवारों के नाम भी याद नहीं। मुकेश सहनी अब  15 अक्टूबर की उस घोषणा को याद करना भी मुनासिब नहीं समझते। मुकेश सहनी विधानसभा चुनाव हार गए । विधान परिषद की जिस सीट के लिए उन्होंने दावेदारों की लिस्ट जारी की थी उसी सीट से सदन जाने को बेताब हैं. मुकेश सहनी बिना किसी सदन के सदस्य हुए नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं. लिहाजा समय सीमा के अंदर विधान परिषद नहीं भेजे गए तो मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है। लिहाजा वे भाजपा-जेडीयू नेताओं पर दबाव बनाने को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है.

नोनिया समाज पर फेंका था पासा

मुकेश सहनी ने जिन 26 लोगों के नाम विधान पार्षद के लिए संभावित उम्मीदवार की सूची जारी की थी , वे सभी नोनिया जाति से थे. मुकेश सहनी ने कहा था कि एक पार्षद सीट पर नोनिया उम्मीदवार को उतारा जाएगा। लेकिन मुकेश सहनी सबको भूल खुद को आबाद करने में जुट गए हैं.


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