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मुखिया और वार्ड सदस्यों की बढ़ेगी परेशानी : चुनाव लड़ने पर इस कारण से लग सकती है रोक

मुखिया और वार्ड सदस्यों की बढ़ेगी परेशानी : चुनाव लड़ने पर इस कारण से लग सकती है रोक

पटना। आनेवाले पंचायत चुनाव में मुखिया और वार्ड सदस्यों के चुनाव लड़ने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। जो जनप्रतिनिधि इस तैयारी में लगे हैं कि वह एक बार फिर से चुनाव में हाथ आजमाएंगे, उनके लिए सरकार ने नया निर्देश जारी कर दिया। इस निर्देश के अनुसार  में नल जल का कार्य पूरा नहीं करनेवाले मुखिया और वार्ड सदस्यों को इस बार पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लग जायेगी. विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि राज्य में अब तक 1700 वार्डों में मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना अभी तक अधूरा है.

पंचायती राज विभाग सभी जिलों की पंचायतों के हर वार्ड में अपूर्ण नल जल योजना की जानकारी जुटा रहा है. विभाग ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना पूरा करने की जिम्मेदारी दी है. पंचायती राज विभाग इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि वैसे पंचायत व वार्डों के मुखिया व वार्ड सदस्यों को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया जाये. विभाग इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का कार्यान्वयन पंचायतों के नेतृत्व में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है. इसका रखरखाव भी इन्ही संस्थानों को करना है. ऐसे में जिन पंचायतों में काम अधूरा है, उन पंचायतों के जनप्रतिनिधियों को अगले पंचायत चुनाव लड़ने में कठिनाई हो सकती है. सरकार के इस आदेश के बाद पंचायतों के मुखिया और वार्ड सदस्यों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने नल जल योजना की राशि का बंदरबांट कर लिया है। 

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