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उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए : अनिल कुमार

उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए : अनिल कुमार

PATNA :  बिहार में लॉक डाउन और उच्च न्यायालय द्वारा बिहार सरकार को फटकार लगाने के बाद आज जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डबल इंजन की सरकार पर जोरदार हमला बोला। अनिल कुमार ने आज पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ - साफ कहा कि डबल इंजन की सरकार ने बिहार के लोगों की अंतिम यात्रा निकाल दी। उन्होंने कहा कि आज उच्च न्यायालय ने जिस तरह से राज्य की मौजूदा हालात पर टिप्पणी की है, वैसे में नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए। आज न्यायालय को कहना पड़ा कि अगर सरकार लॉक डाउन नहीं लगती है, तो वे लॉक डाउन लगाएगी। 

अनिल कुमार ने बिहार की स्वास्थ्य सुविधाएं की स्थिति का पड़ताल करते हुए आरा सदर अस्पताल और मसौढ़ी अस्पताल में फोन लगाया। आरा सदर अस्पताल में बताया गया कि वहां ICU व वेंटिलेटर है, लेकिन वह चालू अवस्था में नहीं है। तो मसौढ़ी में कहा गया कि वहां बेड नहीं है। जब बेड हो तभी भी आपको अपना ऑक्सीजन लेकर आना होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार के द्वारा कमीशन ख़ोरी की दुकान चल रही है। आखिर नीतीश कुमार इतना हाय लेकर कहाँ जाएंगे। 

उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि आखिर जिस मेदांता अस्पताल का उद्घाटन आपने किया, उसे अब तक कोविड अस्पताल घोषित क्यों नहीं किया गया। आखिर मेदन्ता के साथ आप का किस तरह का समझौता है। अनिल कुमार ने वैक्सिनेशन और जांच को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 61 लाख वैक्सिनेशन हुई है, जिसमें तकरीबन 13 लाख लोगों को ही डबल डोज मिली है। वहीं जांच पहले 1 लाख से अधिक हो रहा था और इसकी संख्या कम क्यों हो गयी है। आखिर बिहारियों के साथ ऐसा भद्दा मजाक क्यों हो रहा है। अगर आज 1 लाख संक्रमित लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत बन तो आप क्या करेंगे। इसलिए हम मांग करते हैं कि अभी भी संभलिए और बिहार में अस्पतालों की हालत सुधारिये। सिर्फ सड़क पर उतरने से कुछ नहीं होने वाला मुख्यमंत्री जी, आपको अस्पतालों और पटना के श्मशान का भी मुआयना करना था, शायद तब आपको हालात का पता चलता। 

उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर कहा कि बिहार को बचाने के लिए अगर राष्ट्रपति शासन की जरूरत पड़े या सेना की, तो वो बेहिचक होना चाहिए क्योंकि सरकार ने अपने संसाधनों को दलालों के सुपुर्द कर दिया है।



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