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MUMBAI : हाईकोर्ट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को झटका, सीबीआई जांच नहीं कराने की मांग खारिज

MUMBAI : हाईकोर्ट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को झटका, सीबीआई जांच नहीं कराने की मांग खारिज

MUMBAI : 100 करोड़ की हफ्ता वसूली मामले में बुरी तरह से फंसने के महाराष्ट्र गृह मंत्री की कुर्सी गंवा चुके अनिल देशमुख को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने देशमुख की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ सीबीआई जांच नहीं कराने के लिए याचिका लगाई थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई के वकील से यह भी कहा कि वह चार हफ्ते के अंदर देशमुख की याचिका के खिलाफ जवाब दाखिल करें. 

लगभग दो माह पहले उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास से बरामद विस्फोटक की घटना से शुरू हुई जांच में एक के बाद कई खुलासे हुए। इसी दौरान मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के गृह मंत्री के खिलाफ यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि उन्होने उन्होंने हर माह 100 करोड़ की वसूली के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को वसूली का टारगेट पूरा करने को कहा था. हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर अनिल देशमुख ने इससे इंकार किया था.

हाईकोर्ट ने खुद लिया था संज्ञान

पैसों की वसूली की घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने अपने गृह मंत्री को बचाने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने कहा था सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, इसलिए गृहमंत्री का इस्तीफा लेने से मना कर दिया था। लेकिन इस मामले में जिस तरह से सरकार और पुलिस की छवि पर दाग लगे, उसे देखते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री को पद छोड़ने और उनके खिलाफ सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद गृहमंत्री के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया गया। हाईकोर्ट के इसी आदेश के विरोध में एनसीपी नेता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे खारिज कर दिया गया है।
 

वेकेशन बेंच को भी दिया जा सकता  है केस

इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद होगी. मामले पर सुनवाी के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस केस को तात्कालिकता के आधार पर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच को भी भेजा जा सकता है.


 
 

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