Munger : बिहार चुनाव के बीच बिहार के किसी एक जिले ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खिंचा वो है गंगा किनारे बसा मुंगेर. जहां के लोगों की आस्था के केंद्र में विराजने वाली बड़ी देवी जी के विसर्जन के दौरान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड हुईं. बड़ी देवी की विदाई के साथ ऐसा क्या हुआ कि देखते- देखते पूरा मुंगेर जल उठा. कहानी 26 अक्टूबर की देर रात की.
क्या हुआ था मुंगेर में
26 अक्टूबर की रात मुंगेर के लिए किसी काली रात से कम नहीं थी। मुंगेर के लोगों का आरोप है कि एसपी लिपि सिंह के आदेश पर निहत्थे नौजवानों पर इस तरह से गोलियां और लाठियां बरसाई गईं मानों वो कोई आतंकवादी हों। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक इस झंझट को पुलिस आराम से सुलझा सकती थी। नौजवानों को समझाया जा सकता था, उन पर गोलियां चलाना ही एकमात्र रास्ता नहीं था.
आसान भाषा में समझिए पूरी कहानी
स्थानीय लोगों ने पुलिस की गोलीबारी में 20 साल की उम्र के एक युवक की मौत का आरोप लगाया। इस पर मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था।
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने कहा था, 'कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से भी गोलीबारी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।'
घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठी चार्ज करते दिखाया गया था। साथ ही सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें इस घटना में मारा गया व्यक्ति खोपडी के खुले हिस्से के साथ जमीन पर बेसुध पड़ा नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विसर्जन के लिए दुर्गा की मूर्ति ले जाने के दौरान एक बांस के वाहक के टूट जाने के बाद परेशानी शुरू हो गई थी और इसे ठीक करने में समय लग रहा था।
मुंगेर में हुई इस घटना के बाद से बिहार की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है. विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है. बुधवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई के साथ ही उच्च न्यायालय के किसी रिटायर्ड जस्टिस से पूरे घटना की जांच की मांग की थी. इस मुद्दे को चिराग पासवान भी लगातार उठा रहे हैं और सरकार को घरेने की कोशिश कर रहे हैं।