मुजफ्फरपुर. कलेक्ट्रेट परिसर स्थित धरना स्थल पर भारतीय किसान संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संघ के नेता ने कहा कि भारतीय किसान संघ के द्वारा 11 अगस्त 2021 को दिए गए ज्ञापन की ओर ध्यान आकर्षित कराने को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र के संदर्भ में कोई भी जवाब नहीं आना निराशाजनक है.
प्रधानमंत्री को आग्रह किया था कि केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग प्रकार की कई योजनाएं चल रही है, लेकिन मुख्य रुप से जो किसानों में अशांति का कारण बना हुआ है वह है किसानों को उनकी उपज का लागत आधारित लाभकारी मूल्य नहीं मिलना. न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होने के बावजूद मंडियों में किसानों की उपज सबसे कम मूल्य में बिकती है.
कृषि उत्पादों के मूल्यों को हमेशा नियंत्रित रखा गया, जिस से स्वतंत्र बाजार व्यवस्था विकसित नहीं हो सकी. नवीनतम समर्थन मूल्य बहुत पीछे छूट गया है. किसानों ने कहा कि उनकी उपज का व्यापार करने वाले तथा उद्योग चलाने वाले सभी तो फल फूल रहे हैं, संपन्न हो रहे हैं, लेकिन स्वयं किसान कर्जदार एवं गरीब से और गरीब होता जा रहा है. देश की सभी कृषि वैज्ञानिक संस्था केवल उत्पादन बढ़ाने में लगे हैं. अब समय आ गया है कि किसान आय बढ़ाने या लागत घटाने पर भी प्राथमिकता से कार्य किया जाना चाहिए.
बाजार भाव एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी प्रति क्विंटल सैकड़ों रुपया का अंतर है. समर्थन मूल्य का केवल एक दो प्रांतों को ही लाभ मिल रहा है. शेष देशभर के किसान वंचित रह जाते हैं. ऐसे में कोई तो समाधान जरूरी हो ही जाता है. किसानों ने कहा कि हम लोगों की 4 सूत्री मांगे हैं, जिसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के बजाय लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना होगा.