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मुज़फ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर प्रशासन ने की अनोखी पहल, मंदिर में चढ़ाए फूल, बेलपत्र से बनेगा जैविक खाद

मुज़फ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर प्रशासन ने की अनोखी पहल, मंदिर में चढ़ाए फूल, बेलपत्र से बनेगा जैविक खाद

MUZAFFARPUR : बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर को उत्तर बिहार का महत्वपूर्ण धाम माना जाता है. हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आकर पूजा-अर्चना करने आते हैं. एक अनुमान के मुताबिक एक साल में यहाँ करीब 365 क्विंटल फूल, बेलपत्र और केले के तने का चढ़ावा होता है. इसमें सावन के प्रत्येक सोमवारी को करीब 5 क्विंटल चढ़ावा चढ़ाये जाते हैं. गरीबनाथ धाम मंदिर न्यास समिति के लिए इस चढावे को डंप करना बड़ी चुनौती थी. इसे पहले शहर के बीचोंबीच बहनेवाली गंडक नदी में डाल दिया जाता था. लेकिन बाद में नदी फूल, बेलपत्र और केले के तने से प्रदूषित होने लगी. इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से नया रास्ता निकाला गया. अपशिष्ट पदार्थों को मंदिर न्यास समिति की ओर से चलाये जा रहे डे केयर स्कूल के पास डंप किया जाने लगा. लेकिन अब वहाँ भी समस्या आनी शुरू हो गयी है. 

डंपिंग का नया समाधान

गरीबनाथ धाम मंदिर न्यास समिति ने अपशिष्ट पदार्थों को खपाने के लिए नया तरीका खोज लिया है. अब इन पदार्थों को डंप करने के बजाय उनसे जैविक खाद बनाया जायेगा. इसके लिए पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से करार किया गया है. एमओयू पर मंदिर न्यास समिति के सचिव एनके सिन्हा और केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति पी सी श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किया है. एमओयू के तहत मंदिर पर चढ़ाये गये सभी फूल, बेलपत्र केले की तना सहित दूसरे अवशेषों को विश्वविद्यालय प्रशासन ले जायेगा. 

इसके बाद उन अपशिष्ट पदार्थों से जैविक खाद बनाया जायेगा. विश्वविद्यालय परिसर में जैविक खाद बनाने की मशीन और पिट लगा हुआ है. पूसा स्थित राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन बाबा गरीबनाथ धाम से एक ट्रैक्टर फूल और बेलपत्र के अलावे दूसरे अपशिष्ट पदार्थों को ले गया है. जिससे जैविक खाद तैयार करने का काम शुरू होगा. जैविक खाद की मार्केटिंग विश्वविद्यालय करेगा लेकिन जैविक खाद के पैकेट पर बाबा गरीबनाथ धाम के अपशिष्ट का जिक्र होगा.

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