PATNA: पटना पुलिस में तैनात एक एकाउंटेंट ने बुद्धवार को नगर निगम के आयुक्त से लेकर हाईकोर्ट के आदेश की औक़ात बता दी. पत्नी के नाम पर एडवरटाइज़िंग एजेंसी चला रहे एकाउंटेंट ने अतिक्रमण हटाने गयी नगर निगम की पूरी टीम को कोतवाली थाना पुलिस से पकडवा दिया. नगर निगम की ये टीम नगर आयुक्त के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गयी थी. हद तो तब हो गई जब घंटों तक नगर आयुक्त पुलिस अधिकारियों के पास अपनी टीम को रिहा करने की गुहार लगाते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हाईकोर्ट के आदेश पर भारी किरानी का रौब
दरअसल पटना हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है. बुद्धवार दोपहर बाद तकरीबन तीन बजे नगर निगम की टीम शहर में अवैध रूप से लगे होर्डिंग को हटाने निकली. जिस होर्डिंग को टीम हटा रही थी उस एजेंसी की मालकिन पटना पुलिस के एकाउंटेंट की पत्नी थी. होर्डिंग को हाथ लगाते ही नगर निगम की टीम को तुरंत एकाउंटेंट की हैसियत का अंदाज़ा हो गया. अभी होर्डिंग हटाने का काम भी शुरू नहीं हुआ था कि कोतवाली थाने की पुलिस वहाँ पहुँच गयी. कोतवाली पुलिस ने नगर निगम के टास्क फ़ोर्स के चार कर्मचारियों समेत निगम के चालक को पकड़ लिया. दिन के तीन बजे से नगर निगम के पाँच कर्मचारी कोतवाली थाने की हिरासत में रहे.
नगर आयुक्त की भी हैसियत बतायी
मामले की खबर मिलने के बाद नगर आयुक्त अनुपम सुमन ने पटना के सीनियर एसपी से लेकर सिटी एसपी को फोन किया लेकिन बुधवार की देर रात तक पुलिस ने निगम के कर्मचारियों को नहीं छोड़ा. दरअसल पुलिस के एकाउंटेंट ने उन सभी पोल पर अवैध व्यवसायिक होर्डिंग लगवा रखा है जहाँ पुलिस का सीसीटीवी कैमरा लगा है. सीसीटीवी कैमरे की आड़ में कमाई के इस खेल में पटना पुलिस के एक बड़े अधिकारी की भी संलिप्तता की चर्चा आम रही है. ऐसे में हाईकोर्ट से लेकर नगर निगम के आयुक्त तक को हैसियत बताने में पुलिस पीछे नहीं रही.