N4N DESK : कहा जाता है की जल ही जीवन है. आम आदमी के जिंदगी में पानी का काफी महत्व हैं. चाहे आम दिनचर्या की बात करें या खेतों के सिंचाई का. पानी अहम भूमिका निभाता है. इस कड़ी में राजस्थान में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहाँ इंदिरा गांधी नहर से पानी की चोरी पर रोक लगाने के लिए थाना खोलने की तैयारी है. प्रदेश में यह पहला मामला है की पानी की चोरी पर रोक लगाने के लिए थाना खोलना पड़ रहा है. वह भी छोटा मोटा नहीं, बल्कि इस थाने में 60 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. जो नोहर, भादरा और उसके आसपास के इलाकों में पानी की चोरी पर रोक लगायेंगे. दरअसल राज्य के गृह विभाग ने पिछले दिनों राज्य में 12 नए थाने मंजूर किए थे. इन्हीं में एक थाना बीकानेर रेंज के नोहर में बताया गया. यह थाना इंस्पेक्टर लेवल का होगा. वहीं 5 सब इंसपेक्टर, 6 ASI, आठ हेड कांस्टेबल और 40 कांस्टेबल तैनात रहेंगे. इस इलाके में पानी चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.
भले आपको सुनने में आश्चर्य लगे की नहर से भला पानी की चोरी कैसे होती है. लेकिन हम आपको बताते है की इस घटना को कैसे अंजाम दिया जाता है. पानी चोरी करने के लिए नहर में साइफन लगाया जाता है. एक लंबे पाइप को नहर में डालकर पानी को अपने खेत में डाल लिया जाता है. नहर की डिग्गी और मुख्य नहर के आसपास साइफन लगे होते हैं. वहीं खाले से भी पानी रोककर किसान अपने खेत में डाल लेते हैं. इससे दूसरे किसानों को पूरा पानी नहीं मिल पाता. वहीँ कुछ प्रभावशाली और दबंग किसान भी पानी को अपने खेत में ले लेते हैं. ऐसे में आम किसानों के हिस्से में पानी नहीं आता. पिछले चार साल में हनुमानगढ़ जिले में ही पानी चोरी के 74 केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा 28 केस भिरानी पुलिस थाने में दर्ज हुए हैं.
पानी की चोरी को अब राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. नहर के पानी की चोरी रोकने के अब थाना खोला जायेगा. आनेवाले दिनों में और भी अधिक थानों की जरुरत पड़ सकती है.