बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सीएम के गृह जिले में खुली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल, कोरोना पीड़ित के शव को ठेले पर मुक्तिधाम ले गए निगमकर्मी

सीएम के गृह जिले में खुली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल, कोरोना पीड़ित के शव को ठेले पर मुक्तिधाम ले गए निगमकर्मी

NALANDA : कोविड काल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 4 मई को लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद यह निर्देश दिया गया था कि कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज की मौत होने के बाद अगर परिजन शव का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं तो वैसे शव का अंतिम संस्कार सरकार अपने खर्च पर कराएगी. लेकिन नालंदा से एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें निगम कर्मी शव को एम्बुलेंस की जगह निगम के कूड़े वाले ठेले से ले जाते दिख रहे हैं. हालांकि कर्मी स्वयं पीपीई किट पहने हुए हैं. लेकिन शव को पीपीई किट की जगह चादर से ढँक कर ले जा रहे हैं. जिससे यह पता चलता है कि युवक की मौत बीमारी से हुई है. लोग संदिग्ध मानकर उसका अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे थे. 

जब इस वीडियो की पड़ताल की गयी तो यह वीडियो 13 मई का बताया जा रहा है. वीडियो जारी करने वाले युवक ने बताया कि पिछले 13 मई को सोहसराय थाना इलाके के जलालपुर मोहल्ले में किराए के मकान पर रह रहे एक युवक मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की मौत कोरोना के कारण हो गया. मौत के बाद निगम कर्मियों द्वारा शव को इस तरह ले जाया गया था. वही वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को जलालपुर सेवा समिति द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस मामले में वार्ड पार्षद द्वारा दाह संस्कार के नाम पर धोखाधड़ी व ठगी करने का आरोप लगाया गया है. मोहल्ले वासियों द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि स्वर्गीय बजरंगी हलवाई के पुत्र मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की मौत कोरोना से हुआ है. 

मौत के बाद वार्ड पार्षद द्वारा यह बताया गया कि कोरोना काल में किसी की मौत हो जाने पर अगर उसका अंतिम संस्कार परिजन द्वारा नहीं किया जाता है तो निगम की टीम द्वारा उसका दाह संस्कार किया जाता है. जिसके लिए 22 हजार रुपए लगते हैं. काफी देर तक शव मोहल्ले में रहने के कारण मोहल्लेवासियों के प्रयास से मृतक के मामा द्वारा लगभग साढ़े 16 हजार रुपए देने का बाद शव को ठेले से ले जाया गया. वहीं वार्ड पार्षद सुशील कुमार मिठ्ठू ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया. मामला चाहे जो भी हो. मगर इस वैश्विक महामारी के समय सबको नगर निगम के ठेले से ले जाना कहां तक उचित है यह तो जांच का विषय है. हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में खलबली मच गई है. 

नालंदा से राज की रिपोर्ट 

Suggested News