DESK : अक्टूबर 2015 में बाराचट्टी थाना में 448/15 के अंतर्गत एक वारदात दर्ज हुआ था जिसमें पुलिस ने अपनी जांच में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आठ अधिकारी एवं कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था, अब इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने करवाई शुरू कर दी है.इन लोगों फिलहाल 5 की जमानत हो चुकी है जबकि 3 फिलहाल फरार है.फरार लोगों के खिलाफ कुर्की जब्ती करने का काम शुरू कर दिया गया है. इस पुरे मामले की जांच सिटी एसपी राकेश कुमार कर रहे हैं.राकेश कुमार का कहना है कि इस पुरे मामले में कुल 11 आरोपी है जिसमें 8 लोग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो झारखंड से जुड़े अधिकारी हैं.इसी वजह से नारकोटिक्स विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही करवाई शुरू की गयी है.इसी वजह से केस में समय लगा है, पर फिलहाल अभी इसमें तेज़ी आई है.
बाराचट्टी के अंतर्गत काहुदाग निवासी कौशल्या देवी ने लिखित शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 6 अक्टूबर 2015 को लाल बत्ती लगी गाड़ी से आये 8-9 अपराधियों द्वारा घर में घुसकर गाली-गलौज कर पैसा, गहना नगद रूपया, पासबुक, पहचान पत्र , पैन कार्ड, चेकबुक लेकर जबरदस्ती ले लिया गया. उनकी बोलेरो गाड़ी की चाबी लेकर होटल मालिक तजेन्द्र सिंह, उनके साला बलिन्द्र सिंह एवं एक कर्मचारी मंगा सिंह का अपहरण कर चल गये.
इस घटना की जब जांच हुई तो इसमें चौंकानेवाला मामला समाने आया है. इस पूरी घटना को एनसीबी के अधिकारियों एवं सिपाहियों की मिलीभगत से अंजाम दिया. इसमें शामिल तीन लोगों का अपहरण करने के बाद 15 लाख की राशि की वसूली के बाद तेजेन्द्र सिंह और बलिन्द्र सिंह को छोड़ दिया गया जबकि उन्हीं के कर्मचारी मंगा सिंह को फर्जी केस बनाकर जेल भेज दिया गया. फिलहाल इस केस की जांच एनसीबी की टीम कर रही है.