NEW DELHI : अब देश के दुश्मनों की खैर नहीं है। मोदी सरकार दुश्मन देशों के अंदर घुसकर हमला करने में सक्षम विशेष सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स तैयार करने की योजना बना रही है। इसमें सेना, वायुसेना और नौसेना के जवान होंगे। इस यूनिट के जवान पठार, पर्वत, जंगल और समंदर में दुश्मनों के दांत खट्ठे करने में सक्षम होंगे।
कम समय में दुश्मनों का ज्यादा नुकसान
जानकारी के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स दुश्मन देश में घुसकर बेहद कम समय में ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम होगा। हमले को अंजाम देने के बाद विशेष यूनिट में शामिल जवान जितना जल्दी हो सके युद्ध मैदान को छोड़कर वापस लौट आएंगे।
जानकारी के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स सितंबर 2016 की तर्ज पर अचानक से धावा बोलेगा। बता दें कि दो साल पहले हुए सर्जिकल स्ट्राइक में स्पेशल फोर्स के जांबाजों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के 7 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार अपेक्षाकृत ज्यादा क्षमता वाली सैन्य यूनिट की जरूरत महसूस कर रही थी, जिसमें सेना के तीनों अंगों के बेहतरीन कमांडो शामिल हों।
अमेरिका की नेवी सील की तर्ज पर प्रशिक्षण
सर्जिकल स्ट्राइक फोर्स तैयार करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इस यूनिट में गरुड़ (वायुसेना), मार्कोस (नौसेना) और पारस (सेना) के चुनिंदा कमांडो शामिल होंगे। सितंबर 2016 में सेना के पारस यूनिट के कमांडो ने ही सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। बताया जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक यूनिट में शामिल जवानों को अमेरिका की नेवी सील की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जाएगा।