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National News : सिर्फ विवाहित ही नहीं, कोई भी महिला गर्भपात कराने के लिए स्वतंत्र, सरकार ने कानून बनाकर दिया यह अधिकार

National News : सिर्फ विवाहित ही नहीं, कोई भी महिला गर्भपात कराने के लिए स्वतंत्र, सरकार ने कानून बनाकर दिया यह अधिकार

नई दिल्ली। (national news) महिलाओं के हक में सरकार ने एक बड़ा कानून बना दिया है। (central news) केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए गर्भपात से जुड़े कानूनी नियमों को थोड़ा आसान बनाते हुए (Medical Termination of Pregnancy Amendment Bill 2020) ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020’ को (rajya sabha) राज्यसभा से पारित कर दिया है। इस विधेयक के कानूनी रूप लेने के बाद देश में महिलाओं को प्रैग्नेंसी के 24 सप्ताह की अवधि में कभी भी गर्भपात कराने का अधिकार होगा। पहले इस कानून में 20 सप्ताह तक छूट दी जाती थी। 

इसके साथ केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए बने इस कानून में जो सबसे बड़ी बात जोड़ी है कि यह सभी महिलाओं के लिए होगा। पहले के कानून के अनुसार सिर्फ विवाहित महिलाओं और उनके पति को ही अधिकार प्राप्त था। अब नए कानून से यह बाध्यता हटा दी गई है। नए नियम के मुताबिक दुष्कर्म पीड़ित, नि:शक्त, परिवार में दुष्कर्म की पीड़ित, बलात्कार पीड़ित और नाबालिगों यानी ‘किसी भी महिला और उसके साथी’ को गर्भपात का अधिकार मिलेगा.

सभी से बातचीत कर बनाया गया विधेयक

इससे पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन ने राज्यसभा में चर्चा के लिए विधेयक को पेश किया. इसके बाद चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये एक प्रगतिशील विधेयक है जो महिलाओं को मदद करने वाला होगा. कुछ सदस्यों के विधेयक से महिलाओं की गरिमा को नुकसान पहुंचने की चिंता जताने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऐसा कोई भी कानून नहीं लाएगी जो महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाए। सभी से किया सलाह-मशविरा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को लाने से पहले विभिन्न मंत्रालयों के अलावा राज्य सरकारों, विभिन्न पक्षों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), डॉक्टरों और महिला डॉक्टरों के संगठनों के साथ भी सलाह-मश्विरा  किया गया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में चर्चा के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) भी गठित किया गया था. उन्होंने कहा कि आचार समिति के साथ भी चर्चा की गयी, तब जाकर इस विधेयक को आकार दिया गया

50 साल लग गए यह फैसला लेने में 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के जरिए 50 साल पुराने कानून की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है. इसे विभिन्न देशों के गर्भपात से संबंधित कानूनों का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि देर से ही सही अब महिलाओं को उनका अधिकार दे दिया गया है।

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