DESK: अपने हिंदुस्तान में कई ऐसे शहर या गांव हैं जो अपनी किसी न किसी खूबी या खासियत के कारण अपनी पहचान को अलग बना कर रखते हैं। लेकिन अगर हम यह कहे कि एक ऐसा भी गांव है, जिसकी प्रसिद्धि कुख्यात के रुप में है तो शायद यकीन न हो। दरअसल एक ऐसा गांव भी है, जहां के निवासियों का मुख्य पेशा ही चोरी करना है। ये ग्रामीण पूरे देश के करीब-करीब हर राज्य में घूम घूम कर चोरी करते हैं। किसी दूसरे गांव या शहर से लोग दूसरे शहरों में नौकरी या व्यवसाय करने जाते हैं लेकिन इस गांव के निवासी केवल चोरी करने के लिए देश दूर दराज के शहरों में जाते हैं। इतना ही नहीं इस गांव के निवासियों पर करीब 1100 केस दर्ज हैं, जो शायद अपनेआप में अनोखा रिकॉर्ड लिये हुए है।
पुलिस जांच में सामने आयी बात
साइबर क्राइम के मामले में अभी तक झारखंड का जामताड़ा कुख्यात रहा है। यहां के युवक युवतियां ऑनलाइन ठगी के जरिए लोगों को चूना लगाते रहे हैं। इनमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल होते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कड़ियासासी गुलपेड़ी गांव चोरों के गांव के रूप में कुख्यात हो गया है। अकेले इस गांव के लोगों पर ही 1100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इस गांव के ग्रामीणों को मध्य प्रदेश समेत कई प्रदेशों की पुलिस तलाश कर रही है। इस गांव के लोगों का मुख्य पेशा ही चोरी करना है। ये लोग देश में घूम-घूमकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। इस गैंग में महिलाएं व बच्चे भी शामिल होते हैं।
करते हैं अन्य अपराध
दरअसल इस पूरे मामले की खुलासा तब हुआ जब यूपी के मिर्जापुर में एक चोरी हो गयी थी। जिसकी तहकीकात करते हुए यूपी पुलिस चोरों को पकड़ने कड़ियासासी गांव गई थी। जिसके बाद राजगढ़ जिले की लोकल पुलिस ने मिर्जापुर पुलिस को इस गांव के बारे में जानकारी दी थी। वरीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार कड़ियासासी गांव की आबादी 2500 के करीब है और यह जनजाति के लोग हैं। वहां की बोड़ा थाने की पुलिस ने बताया कि इस गांव के लोगों का पेशा ही चोरी, छिनैती, लूट समेत अन्य अपराध करना है।
गांव में बाकायदा बच्चों और महिलाओं को चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों से चोरी करवाई जाती है तो महिलाएं रेकी का काम करती हैं। ये सभी गांव वाले उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, बंगाल समेत पूरे देश में फैलकर घटनाओं को अंजाम देते है। अधिकारियों के अनुसार इस गांव के लोगों को बकायदा चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है। महिलाएं कपड़े आदि बेचने के बहाने क्षेत्र की रेकी करती हैं। बच्चे और नवयुवक शादियों, बैंकों, सेठों, बड़ी दुकानों, माल आदि में जगहों पर जाकर घटना को अंजाम देते हैं।