DESK: मध्य प्रदेश का विदिशा जिला एक अनोखी घटना का गवाह बना। दरअसल यहां एक पीपल के पेड़ को उखाड कर पांच किलोमीटर दूर शिफ्ट किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में छह घंटे से भी अधिक का वक्त लगा और बीस से ज्यादा नगरपालिका कर्मियों ने हिस्सा लिया।
पचास फीट से ज्यादा था ऊंचा
दरअसल यह पेड़ करीब पचास फीट ऊंचा था और इससे ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसे काटने के बदले शिफ्टिंग करना था। शिफ्टिंग से पहले अफसर और कर्मचारियों ने पहले दीपक जलाकर क्षमा मांगी फिर आगे की कवायद शुरू हुई। करीब छह घंटे तक चली इस प्रक्रिया में 20 से अधिक नगरपालिका कर्मचारियों ने दो हाइड्रा मशीन, एक जेसीबी और एक बड़े ट्रॉले की मदद से करीब 35 साल पुराने पीपल के पेड़ को पहले जड़ से उखाड़ा। पेड़ की जड़ें करीब 20 फीट की गहराई तक जमी हुई थीं। यह पेड़ 50 फीट से अधिक ऊंचा था। जड़ सहित उखाड़ने के बाद उसे एक ट्रॉले में रखकर पांच किमी दूर नगरपालिका के फिल्टर प्लांट तक ले जाया गया। वहां पर उसे दोबारा लगाया गया।
करीब पांच माह की मशक्कत के बाद नगरपालिका को पीतल मिल चौक का अंधा मोड़ खत्म करने के लिए एक मंदिर और पीपल का पेड़ शिफ्ट करने में सफलता मिली है। हालांकि पूजा के बाद पीपल की डालियां काटी गईं। सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक पेड़ को जड़ से उखाड़कर फिल्टर प्लांट में शिफ्ट करने का काम चला। पेड़ को शिफ्ट करने के साथ ही टर्न भी खत्म हो गया है। नगरपालिका के अधिकारियों के अनुसार पेड़ को शिफ्ट करने की कार्ययोजना पर फरवरी महीने से ही काम चल रहा था। अब पीतल मिल चौक की चौड़ाई 140 फीट तक हो गई है। पेड़ के शिफ्टिंग से 45 फीट ज्यादा जगह मिली है।