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NATIONAL NEWS: अब जेएनयू कैंपस में कोरोना कहर: दो माह में 18 लोगों की मौत, दो सौ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की सूचना

NATIONAL NEWS: अब जेएनयू कैंपस में कोरोना कहर: दो माह में 18 लोगों की मौत, दो सौ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की सूचना

DESK: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना के कहर की खबर अभी आयी ही नहीं थी कि देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी माने जाने वाली जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) में भी कोरोना के कहर की खबर है। खबर के अनुसार विवि प्रशासन की कोविड रिस्पॉन्स टीम के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में दस मई तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन अनाधिकृत सूत्रों की माने तो अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब दो से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की खबर है। टीम की माने तो पहली लहर में पांच लोगों की मौत हो गयी थी। 

मरने वालों में स्टाफ मेंबर शामिल

मिली खबर के अनुसार संक्रमण से होने वाली मौतों में स्टाफ के लोग शामिल हैं। दूसरी लहर में जान गंवाने वालों में अधिकतर की उम्र 50 साल से ज्यादा है। विवि प्रशासन के अनुसार 10 मई को विवि के स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशन एंड इंटीग्रेटिव साइंसेज डिपार्टमेंट में सिस्टम एनालिस्ट के रूप में कार्यरत करीब 40 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। इन्हें पहले गंभीर हालत में बीएल कपूर अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां वह रिकवर हो गये थे लेकिन निगेटिव रिपोर्ट आने के कुछ ही दिनों बाद वह फिर संक्रमित हो गये और उनकी मौत हो गयी। कोविड रिस्पॉन्स टीम टीम के अनुसार विवि प्रशासन लगातार प्रशासन व दिल्ली सरकार के संपर्क में है। बड़े स्तर पर क्वारैंटाइन सेंटर में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। विवि में अब तक तीन बार टेस्टिंग कैंप लगाए जा चुके हैं, जबकि वैक्सीनेशन कैंप एक बार लगा है। बता दें कि विवि में कोरोना के कारण हालत बिगड़ते देख गत अप्रैल को ही कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम बनाई गई थी। टीम के चेयरपर्सन रजिस्ट्रार हैं जबकि अन्य आठ लोग मेंबर हैं। ज्ञात हो कि विवि में अभी 4,350 स्टूडेंट और स्टाफ हैं। इनमें 3,000 स्टूडेंट, 1,000 स्टाफ (एडमिन, प्रोफेसर, टैक्निशियन) और 350 गार्ड हैं। 

लेफ्ट विंग स्टूडेंट यूनियन ने बनाया था दबाव

विवि प्रशासन के अनुसार संक्रमण से बचाने के लिए पहली लहर में ही सभी छात्रों को घर भेज दिया गया था तब लेफ्ट विंग से ताल्लुक रखने वाले यूनियन के छात्र नेताओं ने इसे प्रशासन की साजिश बताया था। एआइएसएफ के छात्र नेता हरेंद्र ने अप्रैल माह के पहले सप्ताह में बताया था कि हम छात्रों ने मिलकर एक प्लान बनाया था, ताकि विवि प्रशासन सभी छात्रों को बुला सके, लेकिन प्रशासन ने हमारी बातें नहीं माने। प्रशासन नहीं चाहता कि छात्र कैंपस में रहें। छात्रों को कैंपस से दूर रखने की साजिश के तहत ही ऑनलाइन परीक्षाएं व एजुकेशन हो रहा है। कोविड रिस्पॉन्स टीम के एक मेंबर के अनुसार कुछ छात्र लगातार प्रशासन पर दबाव बनाकर सभी स्टूडेंट्स को बुलाने की बात कह रहे थे लेकिन विवि प्रशासन ने हालात को देखते हुए लगभग 60-65  प्रतिशत छात्रों को ही बुलाया है।

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