DESK: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत अब पूरे विश्व का हॉटस्पॉट बन चुका है. भारत में लगातार ही संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है और एक्टिव केस भी बढ़ रहे हैं. इसी बीच हालात बिगड़ने पर कई देशों ने भारत को मदद का भरोसा दिलाया है, जिसमें से एक भारत का पुराना मित्र रूस भी है. रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V की पहली खेप 1 मई को भारत पहुंच जाएगी. बता दें देश में अचानक आई वैक्सीन की कमी को देखते हुए भारत सरकार ने रूसी वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
रूस में बनी स्पुतनिक-V वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मुकाबले अधिक कारागार बताई जा रही है. रूस के रिसर्च इंस्टिट्यूट का दावा है कि यह वैक्सीन 91.6 फ़ीसदी प्रभावी है. वही कोविशील्ड को 80 और कोवैक्सीन को 81 फ़ीसदी कारगर बताया गया है. शुरुआत में भारत को 5 करोड़ वैक्सीन हर महीने मिलेगी. यह वैक्सीन लोगों के लिए 700 रुपए से कम में उपलब्ध होगी.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत में बढ़ते कोरोना के मामले पर चिंता जताई है. संगठन के प्रमुख ने कहा है कि भारत में इस वक्त के हालात दिल दहला देने वाले हैं. बीते कुछ दिनों में वहां कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं और मरीज के परिजन लगातार ही स्वास्थ्य व्यवस्था के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. उन्होंने भारत में अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगाने की स्थिति पर भी चर्चा की और बताया कि यह स्थिति काफी हृदय विदारक है. हम अपनी तरफ से हर संभव मदद का भरोसा देते हैं. रूस के अलावा अमेरिका ने वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चा माल सप्लाई करने का वादा किया है और ब्रिटेन और फ्रांस भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेज रहे हैं. इसके अलावा सऊदी अरब ने भी लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई भारत को करने की बात कही है. इस महामारी में सभी देश एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. इससे पहले भारत ने भी अपने पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन भेजकर मदद की थी.