Nainital : उत्तराखंड में कुमाऊं क्षेत्र में 42 और लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी। मृतकों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर हैं। नैनीताल आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार अब तक 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया, सुनका ग्रामसभा में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से पति-पत्नी और उनके बेटे की जान चली गई। धारी ब्लॉक के दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। इसके अलावा नैनीताल के ही क्वारब में 2, कैंचीधाम के पास 2, बोहराकोट में 2, ज्योलीकोट में एक और भीमताल के खुटानी में हल्दूचौड़ निवासी शिक्षक के बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गयी।
अल्मोड़ा और चंपावत की हालत खराब
अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। जबकि, चंपावत में पांच और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई।
विधायक की बहू की हुई मौत
बारिश का पानी घर में घुसने से फैले करंट से किच्छा में यूपी के देवरिया के विधायक कमलेश शुक्ला के घर में करंट फैलने से बहू की मौत हो गई। वहीं नैनीताल के ओखलकांडा में छह लोग और हल्द्वानी में मंगलवार देर शाम गौला नदी में बहने से एक युवक लापता हैं।
कहां कितनी मौतें
डीआईजी निलेश आनंद भारने ने बताया, ''कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है।'' अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए, छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है।
प्रधानमंत्री ने लोगों की मौत पर दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण लोगों की मौत होने पर मंगलवार को दुख जताया और कहा कि प्रभावित लोगों का सहयोग करने के लिए बचाव कार्य जारी है। मोदी ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड के कई हिस्से में भारी बारिश के कारण लोगों के मरने की खबरों से मैं दुखी हूं। घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव कार्य जारी हैं ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। मैं हर किसी की सुरक्षा और कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।