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कांग्रेस नेता ललन कुमार के दामन पर लगे हैं गंभीर दाग, करोड़ों के फर्जीवाड़ा में पहले फरार और अब 'बेल' वाले नेता को मिला टिकट

कांग्रेस नेता ललन कुमार के दामन पर लगे हैं गंभीर दाग, करोड़ों के फर्जीवाड़ा में पहले फरार और अब 'बेल' वाले नेता को मिला टिकट

पटनाः बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार जिस पर पटना के कई थानों में बड़े फर्जीवाड़ा के मामले दर्ज हैं उसे ही कांग्रेस ने उम्मीदवार बना दिया है। अब ललन कुमार महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर सुल्तानगंज विस क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं। ऐसे उम्मीदवार के ही बदौलत बिहार में महागठबंधन का बेड़ा पार होगा।कांग्रेस की तरफ से दावा किया जा रहा था कि इस बार के चुनाव में स्वच्छ छवि वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन पार्टी ने तो एक विवादित नेता ही दांव लगा दिया। नेतृत्व के इस निर्णय से कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।

बता दें कि कांग्रेस नेता ललन कुमार पर फर्जीवाड़ा के गंभीर आरोप हैं। उ पर पटना के कोतवाली और एसकेपुरी थाने में फर्जीवाड़ा करने के आरोप हैं।ललन कुमार ने हरियाणा के एक दंपत्ति से भी बड़ा फर्जीवाड़ा किया था।इस मामले में पीड़ित परिवार ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया था। ललन की सेटिंग ऐसी तगड़ी थी कि पुलिस से मिलकर पीड़ित परिवार को ही उल्टे जेल भिजवा दिया था।मामले की जांच के बाद कोतवाली थाने के कई पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरी थी।

जानिए ललन कुमार के कारनामें.... 

 कांग्रेस नेता ललन कुमार पर पटना के कोतवाली थाना और एसकेपुरी थाने में केस दर्कीज है।इस मामले में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ था।दोनों मामले में पुलिस उकी तलाश कर रही थी और नेता जी भागे फिर रहे थे।बाद में सुप्रीमकोर्ट से ललन कुमार ने जमानत ली थी। एसके पुरी में ललन के खिलाफ कांड संख्या -121/18 दर्ज है, जिसमें नवरत्‍‌न ज्वेलर्स के मालिक धीरज से 80 लाख रुपये के जेवर फर्जी चेक के माध्यम से ठगी करने का आरोप है। वहीं कोतवाली कांड संख्या - 536/18 में उसपर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से स्टेशन डायरी में फर्जीवाड़ा कराने का मामला दर्ज है।केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ था। ललन कुमार पर पुलिस अधिकारियों से साठगांठ कर बड़े स्तर पर खेल करने के भी आरोप लगते रहे हैं।पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर वह लगातार लोगों को परेशान भी करता था।

गुरूग्राम की महिला ने दर्ज कराई थी केस

बता दें कि करीब तीन साल पहले गुरुग्राम की रहने वाली मिथिलेश सिंह ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराई थी। पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद ललन पर एफआईआर हुई थी। आरोप है कि ललन ने पुलिस से मिलीभगत कर मिथिलेश और उनके पति निर्भय पर केस दर्ज कराया था।इस मामले में पुलिस ने गुरूग्राम दंपत्ति को जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित दंपत्ति पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे और न्याय की गुहार लगाई थी। इसके बाद मामले की जांच हुई। जांच में गुरुग्राम दंपती पर दर्ज तीनों एफआईआर फर्जी पाई गई। इसके बाद  जून  2018 में ललन कुमार, उसके दोस्त निर्भय सिन्हा, धैर्य कुमार, दो एसआई विक्रमादित्य झा और मनीष कुमार पर बुद्धा काॅलोनी और कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले ललन कुमार फरार रहा । मामला कोर्ट में है और जमानत लेकर नेता जी चुनाव लड़ रहे हैं।

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