JEHANABAD : जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक तीन वर्षीय बच्चे की जान चली गई। इतना ही नहीं बच्चे की मौत के बाद अस्पताल ने उस बदनशीब परिवार को एक एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई। मजबूरन मां अपने कंधे पर ही अपने जिगर के टुकड़े की लाश लेकर घर गई।
दरसअल अरवल जिले के कुर्था थानां क्षेत्र के लारी सहोपुर गांव में एक बच्चे की तबियत खराब हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिये प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्था में इलाज के लिये भर्ती कराया, जहां डाक्टरो ने उसे बेहतर इलाज के लिये जहानाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
लॉक डाउन के बी परिजन किसी तरह एक ऑटो से बच्चे को लेकर इलाज के लिये जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां भी डाक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर कर दिया। लेकिन मरीज के परिजन को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया।
बेहाल परिजन तकरीबन दो घण्टे तक एंबुलेंस के लिए इधर से उधर भटकते रहे, इसी बीच बच्चे ने दम तोड़ दिया। हद तो यह रहा कि बच्चे की मौत होने के बाद भी उसे अपने घर जाने के लिये सरकारी स्तर पर कोई वाहन नही मिला।
थक हार कर उस बच्चे की मां ने अपने बच्चे को गोद मे ही लेकर अपने घर जहानाबाद से पचीस किलोमीटर दूर लारी गांव के लिये निकल पड़ा। हालांकि मीडिया की पहल पर अस्पताल से थोड़ी दूर जाने के बाद एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा अपनी गाड़ी से उसको गांव भेज दिया।
इस सम्बंध में मृतक के पिता ने बताया कि पिछले कई दिनों से बच्चे की तबियत खराब थी और पूर्व में भी इलाज चल रहा था। लेकिन एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से वे बेहतर इलाज के लिए पटना नहीं जा सके और बच्चे की मौत हो गई।
वहीं इस सम्बंध में जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि आपलोगों के माध्यम से उन्हें इस घटना की जानकारी मिली है। मामला गंभीर है, दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।
जहानाबाद से कुमार गौरव की रिपोर्ट