PATNA : आज से नवरात्र का शुभारंभ हो गया है। इसबार पूरे नौ दिन की है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है इसलिए इन्हें ही प्रथम दुर्गा कहा जाता है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा।
मान्यता है कि पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या थीं, तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकरजी से हुआ था। प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रुप में जन्म लिया। पार्वती और हैमवती भी इन्हीं के नाम है।
उपनिषद् में वर्णित एक कथा के अनुसार दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनंत हैं। इस दिन उपासना में योगी अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित कर साधना करते हैं।
वृषभ-स्थिता इन माताजी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है।