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मांझी ने सीएम नीतीश को दे दी है इन एक दर्जन सीटों की लिस्ट, जानिए किस नेता की खुलने वाली है किस्मत

मांझी ने सीएम नीतीश को दे दी है इन एक दर्जन सीटों की लिस्ट, जानिए किस नेता की खुलने वाली है किस्मत

Nawada: हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी सीएम नीतीश से विधानसभा चुनाव के करीब एक दर्जन सीट की गोटी फिट करने वाले हैं, इस स्थिति में बड़ा सवाल है कि मांझी बिहार विधानसभा की किन किन सीटों पर दावा ठोकते हैं और हासिल क्या हो पाता है। बताया गया है कि मांझी तकरीबन एक दर्जन सीटों की मांग कर रहे हैं जिस पर विचार किया जा रहा है हालांकि 8 सीटों के बारे में साफ हो चुका है कि मांझी अपने चहेतों और कार्यकर्ताओं के लिये इन आठ जगहों को बुक करना चाहते हैं।

इन 8 सीट पर मांझी ने लिया फैसला,किसे लड़ाना है चुनाव
जीतन राम मांझी ने बड़ा फैसला लेते हुए 3 सितंबर को एनडीए में शामिल होने की घोषणा की थी हालांकि उससे पहले तीन चार राउंड की बातचीत सीएम नीतीश से हो चुकी थी लेकिन अब सीटों को लेकर अंतिम मंथन चल रहा है। मांझी की कोशिश है कि सीएम नीतीश की सहमति मिल जाए. हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने इमामगंज, मखदुमपुर, नवादा, बाराचट्टी ,बोधगया, टिकारी, आरा सदर ,सिकंदरा और मोतिहारी के केसरिया पर अपना दावा ठोक दिया है. साथ ही कुछ और सीटों को लेकर  मांझी प्रेशर पॉलटिक्स करने में लगे हैं. लेकिन सफलता का पैमाना क्या होगा यह वक्त बताएगा. बताया जा रहा है कि गया जिले के इमामगंज विधानसभा सीट से मांझी खुद अपनी किस्मत आजमाएंगे । 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में मांझी इमामगंज से ही विधायक चुने गए हैं ।वहीं मखदुमपुर विधानसभा सीट से भी मांझी के किसी करीबी के लड़ने की खबर है ।यह जीतन राम मांझी पर निर्भर करता है कि वह इस सीट से वह किसे लड़ाएंगे, वही बाराचट्टी विधानसभा सीट से उनकी समधिन ज्योति मांझी मैदान में उतरेंगी।

खबर के मुताबिक आरा सदर सीट से पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान किस्मत आजमाने को तैयार हैं। जी हां बता दें दानिश एक सफल प्रवक्ता के तौर पर बिहार की राजनीति में जाने जाते हैं। आरा के रहनेवाले और पत्रकार रह चुके दानिश  रिजवान काफी दिनों से जीतन राम मांझी से जुड़े हैं। जितना राम मांझी भी अपनर करीबी दानिश के लिये आरा सदर से हर कीमत पर टिकट चाहते हैं,लेकिन सवाल है कि आर सदर सीट बीजेपी के हिस्से का है।इस स्थिति में सीएम नीतीश उस सीट पर कितना हस्तक्षेप करते हैं यह समय बताएगा। इसी तरह नवादा विधानसभा सीट को भी मांझी हर कीमत पर अपने हिस्से में लेना चाहते हैं। इसकी दावेदारी भी उन्होंने कर दी है। नवादा सीट पर मांझी अपने करीबी और हम राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार मुन्ना को उतारने की तैयारी कर चुके हैं। गौरतलब है कि मुन्ना ने पिछले चुनाव में भी अच्छा वोट हासिल किया था और बेहद कम मार्जिन से तीसरे पायदान पर बने रहे थे। फिलहाल नवादा से जदयू विधायक कौशल यादव के खिलाफ एंटी इनकमबैंसी फैक्टर भी चरम पर है। विधायक जी कोरोना काल मे क्षेत्र में झांकी तक मारने नहीं गए। बताया जा रहा है कि राजद के परंपरागत यादव उम्मीदवार के खिलाफ दूसरी सशक्त जाती के उम्मीदवार को भी उतारने पर विचार किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पता है कि यादव वोट को कौशल यादव नवादा में अपने पक्ष में मूव नहीं करवा पाएंगे। इस स्थिति में नेतृत्व यादव उम्मीदवार पर दांव नहीं लगाना चाहता।

बता दें कि की टिकारी सीट को लेकर पेंच फंस सकता है। पूर्व मंत्री व विधायक अनिल कुमार के लिये मांझी वहां से सीट चाहते हैं। लेकिन जदयू अपने पूर्व विधायक रणविजय सिंह के लिये को टिकारी से लड़ाना चाहती है। अनिल कुमार को लेकर जदयू नेतृत्व भी बहुत सहज नहं है। इसलिये अनिल कुमार के उम्मीदवारी पर संकट बरकार है। कुल मिलाकर जीतन राम मांझी के द्वारा एक दर्जन मांगी गई सीटों पर सीटों में से अगर 8 पर भी सहमति मिली तो समझिए श्रीमान जी ने मैदान मार लिया

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