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दलितों के मर्डर की सरकारी मुनादी पर आपको शर्म नहीं आती क्या? ऐसी गन्दी राजनीति मत कीजिये नीतीश जी-नवल शर्मा

दलितों के मर्डर की सरकारी मुनादी पर आपको शर्म नहीं आती क्या? ऐसी गन्दी राजनीति मत कीजिये नीतीश जी-नवल शर्मा

पटना : जदयू के पूर्व प्रवक्ता नवल शर्मा ने सीएम नीतीश के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। नवल शर्मा इधर लगातार बिहार सरकार के फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं. इस बार उन्होंने सरकार को उस फैसले को लेकर सीएम नीतीश पर निशाना साधा है जिसमें सरकार ने दलितों के मर्डर पर परिवार के 1 शख्स को नौकरी देने की घोषणा की है।

नवल शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि  क्या हो गया है। आपको ऐसी गन्दी राजनीति से बाज आइए, आने वाली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी। कुर्सी के लिए मर्डर की सरकारी घोषणा, वाह! शर्म आती है ,आपने तो एक घृणात्मक इतिहास का बीजारोपण कर दिया । किस मुकाम पर आप खुद को ले जाना चाहते हैं।चुनाव जीतने के लिए यहाँ तक जा सकते हैं आप ! पॉपुलिस्म भी कीजिये तो थोड़ी सावधानी से । ऐसा नहीं कि इस  घोषणा से दलित बस्तियों में आपके नाम का ढोल बजने लगा हो । कितनी हास्यास्पद और तुगलकी घोषणा है आपकी ! दलित भी यही पूछ रहे कि , मरने के बाद , तो जीते जी क्यों नहीं ? अब सोंचिये इसका भविष्य में प्रभाव कितना विनाशकारी होगा । आपकी यह चुनावी पैंतरेबाजी  दलितों को बर्बाद कर देगी । नौकरी के लोभ में बाप बूढा होगा ,  बेटा मरवा देगा , भाई - भाई को ; दलित भाइयों की पूरी पारिवारिक शांति मटियामेट हो जाएगी । सरसरी तौर पर भी देखिए तो आपकी घोषणा कितनी डरावनी है --' मर्डर के बाद '! नवाल शर्मा ने आगे कहा है कि मैं आपसे ये नहीं पूछने जा रहा कि ऐसी ही घोषणा सवर्णों के लिए क्यों नहीं , उनसे क्या दुश्मनी है सर ! लेकिन मैं इस सवाल पर आपसे कुछ नहीं पूछुंगा क्योंकि भगवान न करे दलितों में मर्डर को आप जिस रूप में बढ़ावा दे रहे , सवर्ण समाज भी उसका शिकार हो ! 

 


नवल शर्मा ने कहा कि मैं दूसरा सवाल पूछुंगा। आपको क्या  नैतिक अधिकार है लालू यादव या अन्य लोगों को जातिवादी कहने का  ?  अगर आपके व्यक्तित्व से जातिवाद निकाल दिया जाए तो आपके विकास का महल भरभरा कर जाएगा , यह सत्य है । लेकिन इसका इतना भौंडा प्रदर्शन भी तो मत कीजिये । इसीलिए आप कहते हैं ' क्यों करें विचार , ठीके तो हैं नीतीश कुमार ' ??  ठीक कैसे हैं , लोगों को समझा भी तो दीजिये  ? जातीय आधार पर बिहार की सामाजिक शांति और समरसता भंग करने के लिए ? अगर मर्डर वाली घोषणा के बजाय आप उनके लिए  शिक्षा दीक्षा  , भुखमरी , कुपोषण, रोजगारविहीनता जैसे मुद्दों पर कुछ घोषणा करते बात समझ मे आती ! बिहार में  लगभग 96 % मुसहर भूमिहीन श्रमिक हैं और उनमें साक्षरता की दर मात्र  10 % है । बाल श्रम के मामले में बिहार पूरे देश मे तीसरे नम्बर पर है जिसमें अधिकांश दलित बच्चे हैं । ऐसे ढेर मुद्दे हैं और  इन बातों पर आपकी कोई घोषणा नहीं  । मीडिया वाले भले आपकी इस घोषणा को मास्टरस्ट्रोक बता आपको मुग्ध करते रहें लेकिन मेरी नजरों में ये आपके तथाकथित विकासवादी पुरुषार्थ की शर्मनाक पराजय है । वाकई , अब विकास आपसे नहीं हो सकेगा  ! दुःखद ! शायद बिहार की मुक्ति में अभी और वक्त लगे ऐसी गन्दी राजनीति मत कीजिये नीतीश जी कि आने वाली पीढ़ी भी आपको कोसते रहे, दलितों के मर्डर की सरकारी घोषणा पर आपको शर्म नहीं आती क्या

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