PATNA: बिहार में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ विधान परिषद चुनाव का भी बिगुल बज गया है. स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है. 22 अक्टूबर को मतदान कराये जायेंगे। बता दें कि बिहार विप की 4 शिक्षक और 4 स्नातक सीटों के लिए 28 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी. 5 अक्टूबर सोमवार तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे जबकि 6 अक्टूबर को नामांकन पत्र की जांच की जाएगी. 8 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे. परिषद की 8 सीटों पर 22 अक्तूबर को वोटिंग होगी. वोटिंग की गिनती विधान सभा चुनाव के नतीजों के आने के दो दिन बाद यानि 12 नवंबर को होगी.
हर बार के चुनाव में विप की पटना स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र पर सबकी नजर रहती है। पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से प्रो. नवल किशोर यादव चार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं । इनके विरोध में जो भी उम्मीदवार मैदान में आते हैं उन्हें इस क्षेत्र की जनता चारो खाने चित्त कर देती है। पहले निर्दलीय फिर राजद और अब बीजेपी कोटे से जीतने वाले नवल किशोर यादव 24 वर्षों से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इस बार प्रो. नवल किशोर यादव 5 वीं बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं.इनके विरोध में पहलवान कौन होगा इसका अब तक पता ही नहीं चला है।
हर बार अपना ही रिकार्ड तोड़ते हैं नवल किशोर यादव
जानकार बताते हैं कि वे हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ कर नया रिकॉर्ड बनाते हैं. 30 वर्ष की उम्र में पहली बार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी बने प्रो. नवल किशोर यादव ने लगातार चार बार यूं ही जीत नही दर्ज की.....। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि शिक्षक कोटे से वैसे तो कई विधान पार्षद चुनाव जीतते हैं लेकिन सदन में सबसे अधिक आवाज इनके द्वारा ही बुलंद किया जाता रहा है।नियोजित, वित्तरहित शिक्षकों, संस्कृत या मदरसा शिक्षकों के हक और वेतन की लड़ाई पुरजोर तरीके से सड़क से लेकर सदन तक लड़ी और सरकार को झुकने पर मजबूर किया. लिहाजा सरकार ने नियोजित शिक्षकों की कई मांग को माना ।
सामने कौन पहलवान होगा यह साफ नहीं
इस बार वे पांचवी बार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं,सामने कौन प्रत्याशी होगा यह अब तक साफ नहीं है। प्रो. यादव के पहले लगातार पीएन शर्मा प्रतिनिधित्व करते थे.उसके बाद नवल किशोर यादव लगातार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.वे बताते हैं कि शिक्षकों के लिए उन्होंने हर संभव काम किये हैं।इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद किया है।उसी का प्रतिफल है कि पूरे बिहार के शिक्षक हमें काफी स्नेह देते हैं।