Desk : कृषि विधेयक पर घमासान जारी है। हाल ही में पास हुए कृषि विधेयकों को लेकर मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इस विधयेक को लेकर एनडीए में टूट हो गई है। कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने का एलान कर दिया है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 'हम राजगका हिस्सा नहीं हो सकते हैं, जो इन अध्यादेशों को लाया है। यह सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। उन्होंने बताया किपार्टी की कोर कमेटी ने चार घंटे की बैठक के बाद निर्णय लिया है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की ओर से कहा गया है कि 'पार्टी ने एमएसपी पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना करने के कारण भाजपा के नेतृत्व वाले राजगगठबंधन से अलग होने का फैसला किया है। पंजाबी और सिख मुद्दों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता भी इसकी एक वजह है।'
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शनिवार रात यहां हुई आपात बैठक में कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से भाजपा नीत राजग गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि 'केंद्र की मोदी सरकार ने एमएसपी पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए सांविधिक विधायी गारंटी देने से मना कर दिया। साथ ही पंजाबी और सिख मुद्दों के प्रति निरंतर असंवेदनशीलता को जारी रखा। जम्मू और कश्मीर में पंजाबी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल करने जैसे सिख मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया।'
बता दें किशिरोमणि अकाली दलकेसंरक्षक प्रकाश सिंह बादल राजगके मुख्य संस्थापक सदस्यों में से एक थे। अकाली-भाजपा गठबंधन ने पंजाब में तीन दशकों तक एक साथ चुनाव लड़ा था। कृषि विधयेक के पास होते ही हरसिमरत कौर बादल ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।