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तेजस्वी यादव के नए समीकरण से सकते में NDA, पहले मनोज झा फिर जगदानंद सिंह और अब अमरेंद्रधारी.......

तेजस्वी यादव के नए समीकरण से सकते में NDA, पहले मनोज झा फिर जगदानंद सिंह और अब अमरेंद्रधारी.......

Patna : बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेजस्वी यादव के नए समीकरण से एनडीए खेमे में हलचल मच गई है। आज जैसे ही राजद ने भूमिहार बिरादरी से आने वाले अमरेंद्र धारी को टिकट दिया बीजेपी और जेडीयू नेताओं के कान खड़े हो गए ।एनडीए खेमा पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है।

दरअसल तेजस्वी यादव बिहार में सवर्ण कार्ड खेल रहे हैं ।उनके पाले में तो पहले से ही मुस्लिम और यादव का मजबूत समीकरण साथ है। वहीं अब वे सवर्ण समाज की 4 जातियों के नए वोटरों को अपने पाले में जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।इसी लिये अब वे लालू यादव के शासन काल को अपनी सभा मे नाम लेने से भी परहेज करते हैं।


तेजस्वी यादव ने सबसे पहले ब्राह्मण समाज से आने वाले मनोज झा को राज्यसभा भेजकर बड़ा मैसेज दिया। उसके बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष की कमान राजपूत बिरादरी से आने वाले जगदानंद सिंह को सौंप दी ।इसके बाद लगे हाथ राज्यसभा की एक सीट पर सबसे बड़ा कार्ड खेलते हुए भूमिहार बिरादरी के अमरेंद्र धारी सिंह को टिकट देकर एनडीए नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है।

दरअसल बीजेपी और जेडीयू या मानकर चलती है कि सवर्ण समाज का वोट राजद खेमे में नहीं जाने वाला। अमूमन यही होता भी है कि सवर्ण समाज की 80 फ़ीसदी से अधिक वोट एकमुश्त बीजेपी और एनडीए के खाते में जाता है ।तेजस्वी यादव की नजर इसी वोट पर है।वे लगातार यह कहते आ रहे हैं कि वे सभी समाज और धर्म के लोगों को साथ लेकर चलेंगे उनके यहां कोई भेदभाव नहीं है।


सबको पता है कि तेजस्वी यादव ने ही मनोज झा को राज्यसभा भेजा था।मनोज झा  मैथिल ब्राह्मण समाज से आते हैं।वही जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी देकर राजपूत बिरादरी को अपने पाले में लाने की बड़ी कवायद के रूप में देखा जा रहा है।हालांकि राजपूत बिरादरी के कमोवेश वोट राजद को मिलते रहा है।अब अमरेंद्र धारी सिंह को राजद ने राज्यसभा के टिकट देकर यह बताने की कोशिश हुई है कि राजद के नए समीकरण में भूमिहार बिरादरी की एंट्री दे दी है।

भले ही विरोधी खेमा अमरेंद्रधारी को बड़ा कारोबारी बता कर राजद के सवर्ण कार्ड खेलने की बात को खारिज कर रहा हो लेकिन तेजस्वी यादव ने संगठन की बड़ी कुर्सी के साथ-साथ राज्यसभा का टिकट देकर    अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। 

बता दें कि जगदानंद सिंह को राजद की कमान देने पर सुशील मोदी कह चुके हैं कि जगदाबाबू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से राजपूत वोट नही मिलने वाला।वही जगदाबाबू को राजद अध्यक्ष बनाने के बाद   CM नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को अपना पुराना मित्र करार देते हुए हर संभव मदद की बात कही थी।तब मुख्यमंत्री का यह बयान राजपूत बिरादरी को खुश करने के लिए डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा गया था।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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