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सुपौल में अधिकारियों की लापरवाही, सरकारी जमीन मिलने के बाद भी नहीं बन रहा है पंचायत भवन

सुपौल में अधिकारियों की लापरवाही, सरकारी जमीन मिलने के बाद भी नहीं बन रहा है पंचायत भवन

SUPAUL : त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मानगंज पश्चिम पंचायत में जमीन की अभाव में सरकार की महत्वकांक्षी योजना पंचायत भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। लेकिन अंचल अधिकारी के दिए गए रिपोर्ट के अनुसार मानगंज पश्चिम पंचायत में पंचायत सरकार भवन की जमीन उपलब्ध हो गई है। उसके बाद भी अधिकारी के द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं सुपौल एडीएम के द्वारा खाता 957 खेसरा 2744 रखवा 44 डिसमिल जमीन की जमाबंदी रद्द करने की आदेश अंचलाधिकारी त्रिवेणीगंज को दिया है। 

मजे की बात यह है कि एसडीएम के आदेश  महीनों बीत जाने के बावजूद भी ना तो जमाबंदी रद्द हुई नाही उस जमीन पर से अतिक्रमण मुक्त कराया गया। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि 957 खाता 2745 में करीब 50 डिसमिल से अधिक लोग जमीन अतिक्रमण कर अपने दखल कब्जे में ले लिया है। ऊपर से आदेश आने के बाद अंचलाधिकारी द्वारा थोड़ा सा सुगबुगाहट तो होता है। फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। जिसको लेकर आम लोगों को सरकार की मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।

जमीन उपलब्ध होने के बावजूद न तो स्वास्थ्य केंद्र बन पा रहे हैं ना पंचायत सरकार भवन ना कि आंगनवाड़ी केंद्र जबकि  मानगंज पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर 8 में 1 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन लोगों के द्वारा कब्जा किए हुए अगर खाता 957 खेसरा 2745 /2744 कि अगर जांच की जाए 1 एकड़ से अधिक जमीन उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन अंचलाधिकारी एवं उनके मुंशी के मिलीभगत से उक्त जमीन की अतिक्रमण खाली नहीं हो पा रही है। जबकि निर्देश दिया गया है कि हर ग्राम पंचायत में हर हाल में पंचायत भवन( मिनी सचिवालय) का निर्माण होना चाहिए। ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सके। लेकिन आम गरीबों लोगों के मसूबे पर पानी फिरते नजर आ रहे हैं। 

लोगों ने यह भी बताया कि वार्ड नंबर 9 में 1 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन है। जिस पर कुछ लोगों का कब्जा है। लेकिन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया नहीं जा रहा है। जिस बात की अंचलाधिकारी त्रिवेणीगंज को भी मालूम है उसके बावजूद भी कोई पहल नहीं होते दिख रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। इस मामले को लेकर अंचलाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर लिया। देखना यह होगा पंचायत सरकार भवन के लिए कब तक सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

सुपौल से पप्पू आलम की रिपोर्ट  


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