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न रहेगा बांस न बजेगी बांसूरी! ...तो 'रामसूरत' विवाद से बचने के लिए CM नीतीश ने जनता दरबार में 'मीडिया' को किया बैन? चर्चाओं का बाजार गर्म

न रहेगा बांस न बजेगी बांसूरी! ...तो 'रामसूरत' विवाद से बचने के लिए CM नीतीश ने जनता दरबार में 'मीडिया' को किया बैन? चर्चाओं का बाजार गर्म

PATNA: बिहार में तबादले पर तकरार जारी है। बीजेपी कोटे के मंत्री ने सीधे तौर पर सीएम नीतीश को निशाने पर लिया है। तबादला आदेश रद्द किये जाने पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने साफ कहा है कि जहां मंत्रियों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं वहां विभाग चलाने से फायदा नहीं। यानी उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इस मुद्दे पर बीजेपी बैकफुट पर है। भाजपा के नेता न तो सरकार का बचाव कर रहे और न अपने मंत्री के पक्ष में खड़े हैं। इधर सीएम नीतीश भी पूरे प्रकरण पर चुप हैं। हद तो तब हो गई जब सीएम नीतीश ने जनता दरबार कार्यक्रम में मीडिया से दूरी बना ली। अब तक जनता दरबार में न्यूज एजेंसी से तीन प्रतिनिधियों को बुलाया जाता था। दरबार की समाप्ति के बाद सीएम नीतीश बजाप्ता सवालों के जवाब देते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। अब चर्चा है कि रामसूरत राय विवाद से बचने के लिए ही सीएम नीतीश ने ऐसा किया। 

...तो रामसूरत राय विवाद से बचना चाहते हैं सीएम नीतीश 

सीएम नीतीश सोमवार को जनता के दरबार में शामिल हुए। जनता दरबार के बाद वे सवालों के जवाब नहीं दिये। जवाब देते भी तो कैसे....मीडियाकर्मियों को पूरी तरह से बैन कर दिया गया था। अब तक न्यूज एजेंसियों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाता था। इस बार साफ मना कर दिया गया। लिहाजा जनता दरबार खत्म होने के बाद उन्होंने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। अब कहा जा रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवादों से बचने के लिए ऐसा किया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो सीएम नीतीश सार्वजनिक तौर पर विवादों से बचना चाहते हैं। प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकार उनसे मंत्री रामसूरत राय प्रकरण पर सवाल पूछते। ऐसे में उनके लिए जवाब देना मुश्किल होता। लिहाजा उन्होंने मीडिया से ही दूरी बना ली। न रहेगा बांस न बजेगी बांसूरी। 

पिछले सोमवार तक ANI/PTI तथा UNI के प्रतिनिधि 

बता दें, मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से 11 जुलाई के जनता दरबार के संबंध में बताया गया कि "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री  कार्यक्रम की वेब कास्टिंग बेल्ट्रॉन के माध्यम से की जाएगी। इसके अतिरिक्त सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सोशल मीडिया साइट पर भी इसे लाइव प्रसारित किया जाएगा ज्ञातव्य है कि अभी भी corona से सतर्क एवं सचेत रहना आवश्यक है। इसके पहले पिछले सोमवार यानि 4 जुलाई के जनता दरबार के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से जानकारी आई थी कि "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में भी ANI/PTI तथा UNI के एक-एक प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। साथ ही कार्यक्रम की वेब कास्टिंग बेल्ट्रॉन के माध्यम से की जाएगी। इसके अतिरिक्त सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सोशल मीडिया साइट पर भी इसे लाइव प्रसारित किया जाएगा ज्ञातव्य है कि अभी भी corona से सतर्क एवं सचेत रहना आवश्यक है। 

जानें क्या है मामला

बता दें, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 30 जून को 149 अंचलाधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन किया गया था। विभाग के मंत्री रामसूरत राय के आदेश से सभी का स्थानांतरण हुआ। कई तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से तबादला आदेश को रद्द कर दिया गया। इसके बाद से ही बवाल मचा है। मंत्री रामसूरत राय ने इस पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि विभाग के अंदर जब मंत्री को स्वतंत्र अधिकार ही नहीं मिल सकता है तो विभाग चलाना बेवकूफी है । उन्होंने कहा है कि अंचलाधिकारियों के स्थानांतरण में हमने कोई गड़बड़ी नहीं की । जहां तक सीओ के स्थानांतरण आदेश को रोक कर समीक्षा करने की बात है तो इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विशेषाधिकार है.वे कभी भी समीक्षा कर सकते हैं. उनका आदेश आया कि कैंसिल करके इसकी समीक्षा हो. समीक्षा में पूरी बात आ जाएगी. हमने कोई ऐसा गलत काम नहीं किया है. हमने विधायकों का सम्मान किया था. अगर विधायकों का सम्मान करना गलत था तो ट्रांसफर भी गलत है .अगर सही था तो स्थानांतरण सही था . हमने जेडीयू-बीजेपी व अन्य को मिलाकर  80 विधायकों का सम्मान किया था. राजनीति में पैरवी सुनी जाती है,पैरवी आम बात है.

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