Patna: भारत और चीन में सीमा पर तनाव के बीच नेपाल भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक तरफ नेपाल में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, वहीं नेपाल बिहार को डुबोने की चेतावनी देने पर उतर आया है.
खबर आ रही है कि नेपाल ने कहा है कि पूर्वी चंपारण जिले के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटा ले. अगर नहीं हटाया गया तो इसे तोड़ दिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो बिहार बाढ़ से नुकसान होगा.
दरअसल, नेपाल ने भारत पर आरोप लगाया है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड पर अतिक्रमण कर बनाया है. इसके बारे में रौतहट के डीएम वासुदेव घिमिरे ने बकायदा पीसी कर नेपाली मीडिया से कहा कि भारत ने अतिक्रमण कर बांध बनाया है.
नापी के दौरान यह पता चला है. अधिकारी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के बीच अतिक्रमण हटाने को लेकर सहमति भी बनी, लेकिन भारत ने अभी तक नहीं हटाया है. जिसके बाद नेपाल इस बांध तो तोड़ देगा.बता दें कि अधवारा समूह की लालबकेया नदी पर बना यह वही तटबंध है जिसका कुछ दिनों पहले नेपाल ने मरम्मत काम को रोक दिया था. इस बीच बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जमील अनवर ने बताया कि तटबंध हटाने का ऐसा कोई निर्देश उन्हें नहीं मिला है. अभी वह बाढ़ व कटाव निरोधक कार्य में लगे हैं. उन्हें किसी तरह की मापी किये जाने की जानकारी नहीं है. पूर्वी चंपारण के डीएम ने कहा कि इस मसले पर हमारे पास आधिकारिक सूचना नहीं है. MEA और होम का भी कोई डायरेक्शन नहीं आया है. जो नापी की रिपोर्ट आई है वह सीधे केंद्र सरकार को भेजी गई है. इस पर सात- आठ दिनों में कोई दिशा निर्देश आ सकता है तब हम इस आलोक में कोई कदम उठाएंगे. डीएम ने कहा कि हमने ही इस इश्यू को उठाया था पर संविधान के आलोक में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.