न्यूज4नेशन- सियासत और सोशल मीडिया की जुगलबंदी आज किसी से छिपी नहीं हैं. देश के तकरीबन हर नेता सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है. आज के दौरा में मोबाइल और सोशल मीडिया और पॉलिटिक्स की गजब जुगलबंदी है. लेकिन अब यही मोबाइल और सोशल मीडिया नेताओं का कच्चा चिट्ठा भी खोलेगा.
अब जनता अपने मोबाइल पर एक ऐप डाउनलोड कर नेताजी की रेटिंग तय कर सकेंगे. इसके माध्यम से उन्हें किसी भी चुनाव में वोट डालने से पहले यह मालूम होगा कि उनके क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे किस नेता की क्या रेटिंग है. किस नेता ने जनता से किए वादों को पूरा किया है और किसने खोखली बयानबाजी की है. इतना ही नहीं नया मोबाइल ऐप राजनीतिक दलों को अपना उम्मीदवार चुनने में भी मददगार साबित होगा. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने सरकारी निवास पर शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई गणमान्य लोगों के साथ नेता (नेशनल इलेक्टोरल ट्रांसफारमेशन एप्लिकेशन) मोबाइल ऐप की शुरुआत की. इसको बनाने वाले युवा प्रथम मित्तल ने दावा किया कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोग इस मोबाइल ऐप पर अपनी राय दे चुके हैं और खास बात यह है कि कर्नाटक विधानसभा के पिछले चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 93 फीसद उम्मीदवारों को लेकर इस ऐप पर आम लोगों ने अच्छी राय दी थी.इस मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मे इलेक्ट्रोनिक मीडिया का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि जो ओपिनियन पोल चलाया जाता है उससे जानकारी कम मिलती है जबकि मनोरंजन ज्यादा होता है.वहीं इस मोबाइल ऐप बनाने की प्रेरणा स्रोत रहे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने ऐप बनाने वाले प्रथम मित्तल को ताकीद की कि राजनीतिक दलों की ओर से उन पर दबाव बनाने के कई प्रयास किए जाएंगे लेकिन उन्हें बिल्कुल भी किसी दबाव में नहीं आना है और जनता की राय को बेबाक तरीके से सामने रखने का काम करना है.