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मंत्री तेजप्रताप यादव के सपने में आये "मुलायम सिंह यादव", देखकर रोने लगे लालू के बड़े लाल, पढ़िए पूरी खबर

मंत्री तेजप्रताप यादव के सपने में आये "मुलायम सिंह यादव", देखकर रोने लगे लालू के बड़े लाल, पढ़िए पूरी खबर

PATNA : बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री और लालू के बड़े लाल तेजप्रताप आज साइकिल से अपने दफ्तर अरण्य भवन पहुंचे। जहाँ उन्होंने कहा की साइकिल चलने से पर्यावरण बचा रहता है। उन्होंने कहा की जिस तरह से प्रदुषण बढ़ रहा है। उससे बचाव के लिए लोगों को साइकिल ही चलाना चाहिए। इससे शरीर भी अच्छा रहेगा और फिटनेस भी बना रहेगा। 


हालाँकि पत्रकारों ने जब तेजप्रताप यादव से पूछा की साइकिल से चलने की प्रेरणा कहा से मिली तो उन्होंने कहा की अज सुबह साढ़े नौ बजे सपना में देखा की नेता जी यानी मुलायम सिंह आये हैं। उन्होंने बहुत सारी बातें हमसे की। जिसके बाद मेरे मन में आया की आज दफ्तर साइकिल से चलते हैं। इसलिए की सपने में नेताजी ने खुद मेरे साथ साइकिल चलाया है। इससे और सौभाग्य की बात क्या हो सकती है। 

तेजप्रताप यादव ने कहा की सपने में आकर मुलायम सिंह यादव ने राजनीती की बातें भी की है। उन्होंने कहा की जनता की सेवा करो। हम पर्यावरण को बचाने को लेकर लगातार फिल्ड में रह रहे हैं। काम कर रहे हैं। तेजप्रताप ने कहा की दरअसल मैं सपने में वृन्दावन जा रहा था। वृन्दावन जाने के रास्ते में उनका गाँव सैफई पड़ता है। तो एक बार सोचा की गाँव घूम लेता हूँ। वहां मेरा रिलेशन भी हैं। जब उनके गाँव पहुंचा तो देखा की नेताजी कुछ नेताओं के साथ बैठे हुए हैं। नेताजी ने देखते ही कहा की अरे तेजप्रताप आप यहाँ। हम बोले की आपका पूरा गाँव घुमना चाहते हैं। कहे की साइकिल की पूरा गाँव घूमना चाहते हैं। जिसके बाद नेताजी ने दो साइकिल मंगाया और हम दोनों साइकिल से गांव घुमने निकला गए। इसके बाद नेताजी किसी महिला से बात कर रहे थे। जिसने अपना कुछ समस्या बताया होगा। 

महिला ने जब नेताजी से पूछा की ये आपके साथ कौन है तो नेताजी ने कहा की ये तेजप्रताप यादव हैं। बिहार से आये हैं। वहीँ एक शादी समारोह था। जहाँ साइकिल पर देखकर लोग चौंक गए। नेताजी ने कहा की आप डिपार्टमेंट संभाले हैं। ख़ूब आगे बढिए। मेरा आशीर्वाद हैं और बहुत उंचाईयों तक जाईयेगा। इसके बाद नेताजी जो घडी पहनते थे। वह घडी मुझे दे दिया। घडी लेकर मैं भावुक हो गया और उनके चरणों का आशीर्वाद लिया। मैं रोने लगा तो नेताजी भी रोने लगे। मैंने कहा आप हमलोगों को छोड़ के चले गए हैं। सारे लोगों को छोड़ कर चले गए हैं तो उन्होंने कहा की मैं आपलोगों को छोड़ कर कहीं नहीं गया हूँ। आप लोगों के बीच ही हूँ। 

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