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नेताजी ने लिया क्लास तो बिहार के अधिकांश पटाखे हो गए फुस्स,कुछ फूटे तो बगैर आवाज-चिंगारी के,कुछ ने तो बैकफायर कर दिया....

नेताजी ने लिया क्लास तो बिहार के अधिकांश पटाखे हो गए फुस्स,कुछ फूटे तो बगैर आवाज-चिंगारी के,कुछ ने तो बैकफायर कर दिया....

PATNA: कोरोना का काल चल रहा है तो दूसरी तरफ बिहार में चुनाव के लिए नेताओं का जी भी मचल रहा है. जाहिर सी बात है कि इन सब के बीच नेताओं के द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी जंग के लिए ठोक-बजाकर तैयार करने की राजनीतिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।कोई वर्चुअल रैली तो कोई मीटिंग कर रहा है, तो कोई थाली बजाकर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले जंग का ऐलान कर रहा है.इसी सिलसिले में एक बड़ी पार्टी ने बिहार की राजनीतिक पिच पर होने वाले खेल से पहले अपने-अपने कमेंटेटरों की क्षमता की जांच की फिर उसके बाद कई टिप्स भी दिए. 

नेताजी ने ली क्लास

हुआ कुछ यूं कि दिल्ली वाले नेताजी कुछ तैयारियों का जायजा लेने बिहार पहुंचे थे.विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने अपने बयानवीरों के अँदर के दम को आंकने का मन बनाया।वे देखना चाहते थे कि वक्त-बेवक्त फूटते रहने वाले हमारे राजनीतिक पटाखों में कितनी आग है।चूंकि चुनाव आने वाला है और इन्हीं राजनीतिक पटाखों के दम पर पार्टी विरोधियों को चित्त करने में सफल हो पाएगी।

कई बयानवीरों ने तो बैकफायर कर दिया

नेताजी ने अपनी पार्टी के सभी राजनीतिक पटाखों का टेस्ट लेने का काम शुरू किया.सूत्र बताते हैं कि टेस्ट के आए परिणाम से नेता जी निराश हो गए.निराशा इसलिए बढ़ी क्यों कि कुछ ने तो बगैर आवाज और चिंगारी के धुआं भी छोड़ा लेकिन कई ने तो बैक फायर कर दिया। यानि मतलब साफ था कि सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी बेचारों के पास न के बराबर थी।कुछ के पास था भी तो पूरा नहीं।अब भला बताइए कि चुनाव सर पर है,बयान का घमासन मचने वाला है, उपलब्धियों के आधार पर सियासत को अंजाम देना है, और दूसरी तरफ बयानवीरों के पास विरोधियों पर प्रहार के लिए अचूक तीर हीं नहीं है।नेताजी को निराशा इसलिए भी हुई कि मसाला रहते हुए भी बयानवीरों के पास सटीक जानकारी की कमी थी।

गौरतलब है कि एक तरफ वर्चुअल रैली व मीटिंग का दौर जारी हो चुका है तो दूसरी चुनाव आयोग भी ईवीएम से लेकर मतदान केंद्रों को तैयार करने में जुटा हुआ है।मतलब साफ है कि बिहार विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक दल जहां कमर कसने में लगे हैं वहीं सरकारी नुमांइदे भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते.लेकिन इन सबों के बीच राजनीतिक दल हर पैमाने पर अपने आप को कसने में लगे हुए हैं.लेकिन एक बड़ी पार्टी के नेताजी के क्लास में पटाखों का फूस्स हो जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।

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