DESK : इस देश में जमीन के लिए लोगों को अपनों को मुर्दा बनाते देखा है, लेकिन शायद ही कभी सुना गया होगा कि किसी मुर्दे के लिए किसी ने अपनी दान में दे दी हो. यूपी के साहिबाबाद के करहैड़ा गांव में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक किसान ने अपनी 1500 गज जमीन सरकार को मुफ्त में दे दी, ताकि उस जमीन पर श्मशान का निर्माण हो सके। जमीन मिलने के बाद नगर निकाय की तरफ से यहां अंतिम संस्कार के लिए चबूतरा के निर्माण का काम शुरू हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में ये अपनी तरह का पहला मामला होगा जब किसी किसीन ने अंतिम संस्कार के लिए अपनी जमीन ही दान कर दी हो।
बताया गया साहिबाबाद के हिंडन श्मशान घाट पर लोगों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए 10-10 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, कई लोगों को वापस लौटा दिया जा रहा है। संकट की इस घड़ी में लोग अपनों को खोने के बाद सही से अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यहां किसानी करनेवाले सुशील कुमार निर्वाण को इतना दुखी किया कि उन्होंने अपनी करोड़ों रुपये कीमत की जमीन श्मशान बनाने के लिए दान कर दी। किसान ने अपनी जमीन निगम को दे दी है। निगम ने इस जमीन पर अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि सुशील निर्माण के जमीन की जांच की गई तो सभी कागजात सही मिले। उन्होंने 1500 गज जमीन नूरनगर में श्मशान घाट के लिए दान दी है। यहां पर कुछ जमीन नगर निगम की भी है। अभी यहां पर लकड़ी का इंतजाम कर कोरोना संक्रमण से मरने वालों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है।