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मद्रास उच्च न्यायलय की टिप्पणी पर गुस्से में चुनाव आयोग, कहा "बिना सोचे-समझे दिया अपमानजनक बयान" सुप्रीम कोर्ट से आदेश हटाने की मांग

मद्रास उच्च न्यायलय की टिप्पणी पर गुस्से में चुनाव आयोग, कहा "बिना सोचे-समझे दिया अपमानजनक बयान" सुप्रीम कोर्ट से आदेश हटाने की मांग

NEW DELHI : कोरोना महामारी के बीच पांच राज्यों में चुनाव आयोजित करने को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए हत्या का केस चलाने की बात कही थी। मद्रास हाईकोर्ट की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुई थी। अब मद्रास हाईकोर्ट के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने इसे अपमानजनक और बिना सोचे समझे दिया गया बयान करार दिया है। चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कोर्ट के इस टिप्पणी को वापस लेने की मांग की है।

हम स्वायत संस्था, टिप्पणी से खराब हुई है छवि

निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है जबकि चुनाव आयोग भी स्वायत्त संवैधानिक संस्था है. हाईकोर्ट का इस तरह चुनाव प्रक्रिया को लेकर आयोग पर हत्या के इल्जाम में मुकदमा दर्ज करने जैसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थी. हाईकोर्ट कीइस तरह की अपमानजनक टिप्पणी से हमारी छवि खराब हुई है।  इससे आम जनता के बीच संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल होती है।

कल सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

 सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के मुताबिक सोमवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ वर्चुअल तौर पर इस मुकदमे की सुनवाई करेगी.

यह कहा था हाईकोर्ट

सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था. क्योंकि चुनाव आयोग ने कोरोना संकट के बाद भी चुनावी रैलियों को नहीं रोका. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने सुनवाई के दौरान कहा चुनाव आयोग के अधिकारियों पर अगर मर्डर चार्ज लगाया जाए तो गलत नहीं होगा.



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