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ललन सिंह का नया खुलासाः CM नीतीश 2017 में चार नेताओं की सलाह पर 'तेजस्वी' से हुए थे अलग, एक तो हमारे बगल में हैं...

ललन सिंह का नया खुलासाः CM नीतीश 2017 में चार नेताओं की सलाह पर 'तेजस्वी' से हुए थे अलग, एक तो हमारे बगल में हैं...

पटना. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को एक नया खुलासा किया है।उन्होने कहा है कि नीतीश कुमार को 2017 में चार नेताओं ने गलत सलाह दी थी। इसी वजह से वे महागठबंधन की सरकार से अलग हुए थे। ललन सिंह ने यहां तक कह दिया कि 2017 में तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के संगीन आरोप का कोई मतलब नहीं था, बल्कि कुछ नेताओं की सलाह की वजह से उन्होंने राजद का साथ छोड़ा.

4 खास लोगों ने मुख्यमंत्री को दी थी महागठबंधन छोड़ने की सलाह

जेडीयू प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर ललन सिंह ने 2017 में राजद से अलग होने के सवाल पर कहा कि चार नेताओं ने नीतीश कुमार को सलाह दी थी कि आप अब एनडीए का हिस्सा हो जायें। इन्हीं नेताओं की सलाह की वजह से नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का साथ छोड़ा था। ललन सिंह ने खुलासा करते हुए कहा कि जिन नेताओं ने हमारे मुख्यमंत्री को सलाह दी थी, उनमें एक हमारे बगल में बैठे हुए हैं। मंच पर बैठे संजय झा की तरफ इशारा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि एक तो यही हैं। इन्होंने भी मुख्यमंत्री को सलाह दी थी कि एनडीए में शामिल हो जायें। इसके अलावे एक नेता हैं हरिवंश जी। हरिवंश जी राज्यसभा के उपाध्यक्ष हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तीसरे शख्स नाम इस तरह लिया कि एक बीजेपी के एजेंट हैं, यानी आरसीपी सिंह। आरसीपी सिंह ने भी नीतीश कुमार को राजद से अलग होने की सलाह दी थी। चौथे शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया लेकिन इतना कहा कि वे राष्ट्रपति के सलाहकार हो गये। 


बीजेपी पर बड़ा हमला 

 भाजपा पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अब भाजपा अटल-आडवाणी वाली पार्टी नहीं रही जो 1996 से सभी दलों को साथ लेकर चलती थी. मौजूदा भाजपा ऐसी है जो अरुणाचल में जदयू के विधायकों को तोड़ लेती है. वहां 7 में से 6 जदयू के विधायक तोड़े गए. क्या यही गठबंधन धर्म था. 

उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना था. उन्होंने कोई साजिश नही की और सब कुछ ठीक रहा. वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव के समय जिस व्यक्ति आरसीपी को नीतीश कुमार ने जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया उस व्यक्ति को ही भाजपा ने साजिश के तहत अपने साथ जोड़ लिया. जिन लोगों ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जदयू को नुकसान पहुँचाया वही सब भाजपा में शामिल हो गए. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, देश में शासन करने का भाजपा को जनमत दिया लेकिन पूरे देश में भाजपा आज तनाव पैदा कर रही. तनाव पैदा करके शासन नहीं चलता. देश में महंगाई बढ़ रही है. 2 करोड़ लोगों को रोजगार का वादा किया लेकिन किसी को रोजगार नहीं मिला. 3 लाख लोगों को सेना भर्ती में सारी प्रक्रिया पास करने के बाद आज तक नौकरी नहीं मिली. उलटे 4 साल का अग्निवीर ले आए. भाजपा के नेता कहते हैं अग्निवीर को भाजपा कार्यालय में चौकीदार बनाएंगे. ललन सिंह ने कहा कि क्या यही भाजपा का शासन चलाने का तरीका है. 

एनडीए गठबंधन में जदयू को छोटा भाई बताने के भाजपा के सवाल पर कहा कि 2005 में जदयू को भाजपा से कहीं अधिक सीट थी लेकिन जदयू के किसी नेता ने खुद के दल को बड़ा भाई नहीं बताया. 2010 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को 118 सीटें आई. जदयू अकेले सरकार बना सकती थी लेकिन नीतीश कुमार ने एनडीए के गठबंधन धर्म का पालन किया. 2017 से 2020 तक फिर से भाजपा संग हमारी सरकार बनी, हमारे ही दल के सदस्य ज्यादा थे. हमने कभी खुद को बड़ा भाई नहीं कहा. 2015 के विधानसभा चुनाव में मोदी की 42 जनसभाओं के बाद भाजपा को बिहार में सिर्फ 53 सीट आई. 

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