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बिहार में डराने लगा कोविड का नए वैरिएंट जेएन-1, कोरोना संक्रमित बच्ची की मौत ,अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

बिहार में डराने लगा कोविड का नए वैरिएंट जेएन-1, कोरोना संक्रमित बच्ची की मौत ,अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

PATNA- कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है. रोहतास में कोरोना संक्रमित 10 साल की मासूम की मौत हो गई. बच्ची को पूर्व से हीं फेफड़े का गंभीर इंफेक्शन था और लंबे समय से इलाज भी चल रहा था. सिविल सर्जन डॉक्टर के.एन तिवारी ने बताया कि कोविड संक्रमित बच्ची शेरघाटी में आयोजित किसी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होकर वापस अपने घर आई थी.  गया, आसनसोल समेत अन्य शहरों के लोग भी कार्यक्रम में शरीक हुए थे. बच्ची का जब स्वास्थ्य बिगड़ने लगी तो परिजनों ने उसे नारायण मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 का सक्रमण बढ़ने से कई राज्यों में सतर्कता बढ़ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी जारी है. वहीं कोविड के नए वैरिएंट जेएन-1 के सामने आने के बाद से एक बार फिर बिहार में कोरोना डराने लगा है. शनिवार को गया जिले में छह लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आयी है. जिसके बाद हड़कंप मच गया है. सभी मरीजों की उम्र 20 वर्ष से नीचे हैं. आरटीपीसीआर जांच से पुष्टि होने के बाद सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है. साथ ही संक्रमित मरीजों के सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पटना के IGIMS भेजा गया है.

कड़ाके की ठंड लगातार कोविड मरीज बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में पटना, गया और दरभंगा में कोरोना के सात पॉजिटिव केस मिले हैं. लोगों से अपील की गई है कि सभी लोग मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले. भीड़-भाड़ में जाने से बचें. कोविड के लक्षण दिखने पर फौरन जांच करवाएं. बिहार सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का हर हाल में पालन करें.
कोरोना के नए वेरिएन्ट के मरीज मिलने के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है. इस संबंध में सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश भी दिए जा चुके हैं. जिसके बाद लगातार कोरोना जांच की जा रही है. जिसकी वजह से अलग-अलग जिलों से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. अब कोरोना के तीन मरीज पटना में, जबकि एक मरीज सासाराम और एक मुजफ्फरपुर में पाया गया था. वहीं, अब कोरोना ने गया में भी दस्तक दे दी है. पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है.

कोरोना की वजह से अस्पतालों में सर्जरी को लेकर भी एहतियात बरता जा रहा है. पटना एम्स और आइजीआइएमएस में अब सर्जरी से पहले मरीज की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. इसको लेकर एम्स के निदेशक व आइजीआइएमएस के निदेशक की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया. जनरल सर्जरी, ऑर्थो सर्जरी, नाक, कान गला रोग और नेत्र रोग में होने वाली सर्जरी से पहले मरीज की कोविड जांच करायी जायेगी. आरटीपीसीआर जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज की सर्जरी करने का निर्देश जारी कर दिया गया है, साथ ही ओपीडी व भर्ती के समय मास्क अनिवार्य किया जा चुका है.

कोरोना संक्रमण को लेकर  आईजीआईएमएस के डॉ रोहित उपाध्याय का कहना है कि इस बार कोरोना वायरस सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है जिसे वायु प्रदूषण के चलते उत्पन्न लक्षणों के कारण चिन्हित करने में दिक्कत हो रही है. इस संक्रमण की जांच ही इसकी रोकथाम का उपाय है क्योंकि मौसम में बदलाव और प्रदूषण के कारण भी लोगों को अक्सर खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते शनिवार को कोरोना संक्रमण के 87 मामले दर्ज हुए थे जिनमें सर्वाधिक 84 मामले केरल, 3 पुड्डुचेरी और 1-1 गोवा व गुजरात में पाए गए हैं. वहीं, संक्रमण के चलते ओडिशा और बिहार में मृत्यु दर के आंकड़ों का मिलान जारी है. ओडिशा में एक केस एक्टिव पाया गया है. किसी व्यक्ति को कोविड-19 उन लोगों से हो सकता है जिनमें इस वायरस का संक्रमण है. जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फैल सकता है.  

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