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पटना के स्कूल में महाकुकर्म, न्यूज़4नेशन की ऑन ग्राउंड रिपोर्ट

पटना के स्कूल में महाकुकर्म, न्यूज़4नेशन की ऑन ग्राउंड रिपोर्ट

PATNA : पटना के प्राइवेट स्कूल में हुए महाकुकर्म ने एक अबोध बच्ची को गर्भवती बना दिया। इंसानियत को झकझोर देने वाली इस घटना ने समाज को शर्मसार किया है। बच्ची के साथ महाकुकर्म करने वाला स्कूल का प्रिंसिपल जेल जा चुका है लेकिन न्यूज4नेशन की टीम को उस स्कूल की हकीकत जानने पहुंची जहां शिक्षा के नाम पर अबोध का शोषण होता रहा। 

ऑन ग्राउंड हकीकत 

न्यूज़4नेशन की टीम फुलवारीशरीफ इलाके के किसान कॉलोनी स्थित न्यू सेंट्रल स्कूल पहुंची तो कई चौकाने वाला सच सामने आया। जिस स्कूल में महाकुकर्म हुआ वह रिहायशी कॉलोनी के बीचो बीच एक निजी मकान में चलता है। स्कूल का बड़ा सा जेलनुमा गेट है। गेट की ऊंचाई ऐसी की कोई की नज़र चाहकर भी अंदर ना देख सके। बड़ी सी चहारदीवारी वाले स्कूल में आज सन्नाटा पसरा है, लेकिन आम दिनों में जब यह स्कूल चलता था तब भी हर किसी को अंदर जाने की इजाज़त नहीं थी। 


स्थानीय लोगों के लिए भी रहस्यमय 

कॉलोनी में रहने वाले स्थानीय लोगों ने न्यूज़4नेशन को बताया कि खुलने के बाद से ही स्कूल की गतिविधियां संदिग्ध रही है। स्थानीय लोगो का कहना है कि स्कूल के गेट के अंदर बाहरी लोगों की बात तो दूर, अभिभावक तक को जाने की इजाजत नहीं थी। बच्चों के उसके गार्जियन स्कूल के गेट के बाहर ही छोड़ के जाते थे। इतना ही नहीं लोगों की मानें तो क्लास रुम के कमरे भी बंद रख जाते थे। बच्चों को बंद कमरे के अंदर ही पढ़ाया जाता था। यहां कई बार कर्मचारियों के बीच मारपीट और झगड़े बीच सड़क पर हो चुके है। 

अब बंद है स्कूल

महाकुकर्म के बाद से स्कूल में ताला लटका है। इस स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के पिता ने बताया कि आज बच्चे का एग्जाम था। वह बच्चे को स्कूल छोड़ने आए तो देखा कि यहां ताला बंद है। जब इस मामले को लेकर उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि मीडिया में छपी खबर के बाद उन्हें मामले की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि स्कूल के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। वे लोग अपने बच्चों को गेट पर ही छोड़कर जाते थे। 

स्कूल संचालक है रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का बेटा

न्यूज4नेशन की टीम को स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल का संचालन करने वाला राज सिंघानिया एक अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारी का बेटा है। चर्चा है कि जिस जमीन पर यह स्कूल बना है वह भी जबरन कब्जा किया हुआ है। न्यू सेंट्रल स्कूल को किस शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है यह भी साफ नहीं। ऐसे में यह सवाल बनता है कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को प्रमाण-पत्र कहां से मिलता था।

सबसे अहम सवाल 

पटना के अंदर प्राइवेट स्कूलों में होने वाली कारस्तानी की पहली दास्तां नहीं है। आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आते रहती हैं। राजधानी में प्राइवेट स्कूलों की भरमार हो गई है। कुकुरमुते की तरह से हर गली-मुहल्ले में खुले ऐसे स्कूलों पर सरकार का भी नियंत्रण नहीं। ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर ऐसे स्कूलों को कुकर्म का शरणस्थली बनने के लिए आज़ादी कब तक मिलती रहेगी?

पटना से कुंदन की रिपोर्ट

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