पटना. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने मनेर- बिहटा और कोईलवर थाना के प्रभाव क्षेत्र में 24 घंटे की गोलीबारी में दर्जनों लोगों की मौत का खुलासा करते हुए बिहार के डीजीपी से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण और जवाब मांगा है। निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री सचिवालय और डीजीपी हेड क्वार्टर से 15 किलोमीटर दूर ही खनन गिरोहों के बीच 24 घंटे की गोलीबारी में दर्जनों लोग मारे जाते हैं लेकिन इतनी बड़ी घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री और डीजीपी बेशर्मी भरी चुप्पी साधे हुए है। इस बड़ी घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री हो सकता है की बयान जारी करने में शर्मिंदा महसूस कर रहे हों क्योंकि जब यह गोलीबारी जारी थी उसी वक्त सीएम इन्वेस्टर्स मीट में वे आला अफसरों सहित कानून- व्यवस्था पर हवा- हवाई जुगाली कर रहे थे।
निखिल आनंद ने कहा कि बिहार पुलिस अभी भी इस पूरे घटना को लेकर हवा में तीर चला रही है। घटनास्थल पर मीडिया पहले पहुंचती है और बिहार पुलिस बाद में पहुंचती है। यही नहीं इस गोलीबारी में इतनी गोलियां दागी गई है कि जिसके खोखे अभी तक बिहार पुलिस शायद गिन भी नहीं पाई होगी। अगर ये घटनाएं नहीं रुकी तो मनेर- बिहटा क्षेत्र के गांव- समाज जल्द ही सूने हो जाएंगे और आम जनजीवन तबाह एवं बर्बाद हो जाएंगे। बिहार के खनन क्षेत्र को अविलंब रेगुलराईज और स्ट्रीमलाईन करने की जरूरत है जिसपर सरकार को गंभीरता से काम करना चाहिए।
निखिल आनंद ने बिहार सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि गलत खनन और शराब नीति का परिणाम है कि कई माफिया गिरोह अपना समानांतर सशस्त्र बल खड़ा कर चुके हैं और स्थानीय स्तर पर सरकार भी चला रहे हैं। इनके आगे बिहार पुलिस बेबस, लाचार और डरी हुई नजर आती है। इस पूरे गोलीबारी की घटना कितनी देर चली, इसमें कितने लोगों की मौत हुई, उनके डेड बॉडीज कहां है, पोस्टमार्टम कहां हुआ, किसने एफआईआर दर्ज किया, कितनी गोलियां छुटी और कितने खोखे बरामद हुए .... ऐसे अनगिनत सवाल हैं जिसका जवाब पुलिस- प्रशासन को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम पर बिहार के मुख्यमंत्री को बकायदा बयान जारी करना चाहिए। लेकिन अगर मुख्यमंत्री जी दिवास्वप्न में डूबें हों और उन्हें शर्म आ रही हो तो बिहार के डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना से जुड़े सभी सवालों का जवाब देना चाहिए।