पटनाः नीतीश कैबिनेट से वरिष्ठ मंत्री जी क्षेत्र से आकर आवास पर मौजूद रहे लेकिन कैबिनेट जाना मुनासिब नहीं समझा।आखिर क्यों..जब से एनडीए की सरकार बनी तब से लेकर अबतक यह पहला मौका है जब उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में शिरकत नहीं किया।
बता दें कि न तो उनकी तबीयत खराब थी और न हीं वो पटना से दूर थे।जब कैबिनेट की बैठक चल रही थी तब वो अपने सरकारी बंगले में मौजूद थे। खांटी समाजवादी छवि वाले नीतीश कैबिनेट के ये मंत्री अपने मिजाज के काफी पक्के हैं और मुंह पर भी बोलने से गुरेज नहीं करते सामने चाहे कोई भी क्यों न हो.....लेकिन बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि चौदह सालों में पहली बार कैबिनेट नहीं जाने का कारण क्या रहा?जानकारों की मानें तो कई संवेदनशील मुद्दों को लेकर मतभेद की स्थिति बनी है हां लेकिन मनभेद की नहीं...आखिर जब बात नहीं सुनी जाएगी तो उसे जताने का तरीका क्या होगा...संभवतः जो मंत्री जी ने किया।
विधि-व्यवस्था से लेकर लाल फीताशाही की कार्यशैली को लेकर कई दफा माननीय मंत्री अपनी व्यथा जता चुके हैं।हालांकि इनकी सबसे बड़ी खूबी है कि ये बहुत कम बोलते हैं।लेकिन जब पानी सर से ऊपर चला जाए तो भला क्या रास्ता बचता है? मेरा मतलब बातों का बतंगड़ बनाना नहीं है लेकिन सच्चाई यही है कि नीतीश कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री कई मुद्दों को लेकर काफी गुस्से में हैं।यही वजह है कि तकरीबन आधा किमी की दूरी पर अपने आवास में मौजूद रहने वाले मंत्री जी ने नीतीश कैबिनेट की बैठक में जाना उचित नहीं समझा।