पटनाः बिहार सरकार ने थानाध्यक्षों के लिए अहर्ता तय कर दिया है।गृह विभाग ने इस संबंध में अपना आदेश जारी कर दिया है।थानाध्यक्ष एवं अंचल पुलिस निरीक्षक पद पर पदस्थापन के लिए विशेष अहर्ता जरूरी है।सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि यह आवश्यक है कि स्वच्छ सेवा वाले अधिकारी हीं इस पद पर पदस्थापित किए जायें।
जिन पदाधिकारियों के उपर निम्न आरोप लगे हों उन्हें इन दोनों पदों पर पदस्थापित नहीं किया जा सकता-----
1-यदि किसी थानाध्यक्ष के अंतर्गत शराब निर्माण,बिक्री,परिचालन,अथवा उपभोग में उसकी संलिप्तता की बात प्रकाश में आती है या क्षेत्र अंतर्गत मद्ध निषेध में उनके स्तर से कर्तव्यहीनता बरती जाती है तो उक्त पुलिस पदाधिकारी को अगले 10 सालों तक थानाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा।
2-जिन्हें किसी कांड के अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा अभियुक्त ठहराया गया हो
3-जिन्हें MORAL TURPITUDE के आरोप में विभागीय कार्यवाही में दोषी पाया गया हो यानि महिलाओं से अभद्र व्यवहार,भ्रष्टाचार और अभिरक्षा में हिंसा ।
4-जिन्हे विभागीय कार्यवाही के संचालन के उपरांत 3 अथवा उससे अधिक वृहत सजा मिली हो
5-पदाधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही लंबित हो तो उसे थानाध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता
6-जिन्हें किसी न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध किया गया हो....
ऐसे लोगों को अब बिहार के थाानों में थानाध्यक्ष की कुर्सी नहीं दी जाएगी।