पटनाः लोकसभा चुनाव में जब पहली बार बीजेपी बड़ा भाई बनकर खड़ा हुआ तो नीतीश सरकार को महसूस हुआ कि अब जदयू की सियासत कहीं न कहीं खतरे में है।फिर खेल शुरू हो गया और वो भी लालू स्टाईल में..
बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के ठीक बाद यानि 28 मई को नीतीश सरकार ने बीजेपी से जुड़े तमाम मोहरों को संट करने के लिए सरकारी स्तर पर कोशिशें बढ़ा दी। परिणाम है कि बिहार पुलिस के विशेष शाखा द्वारा बीजेपी की मदर संस्था RSS सहित भगवा पंथ से जुड़े तमाम हिन्दू संगठनों को अपने रडार पर ले लिया है।
विशेष शाखा के द्वारा भाजपा से जुड़े तमाम संगठनों की कुंडली खंगालने का काम सुशासन की सरकार ने शुरू कर दिया है। इससे संबंधित आदेश 28 मई 2019 को ही जारी कर दिया गया है।विशेष शाखा के एसपी ने सभी जिलों में पदस्थापित डीएसपी और इंस्पेक्टरों को आदेश दिया कि RSS सहित भाजपा से जुड़े विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, विश्व भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, और हिंदू पुत्र संगठन से जुड़े तमाम लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर विशेष शाखा को अति शीघ्र भेजने का आदेश दिया गया।
नीतीश सरकार ने विशेष शाखा के द्वारा उक्त पत्र में BJP के एक मुस्लिम संगठन-मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।इन मसलों पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश सरकार का यह एक्शन गठबंधन में मनमुटाव दरार डालने के लिए पर्याप्त है।