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अपनी पीठ खुद थपथपाई नीतीश सरकार! विस में आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश, चहुंओर विकास का दावा

अपनी पीठ खुद थपथपाई नीतीश सरकार! विस में आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश, चहुंओर विकास का दावा

PATNA: बिहार विधान मंडल में आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने सोलहवां आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया. सर्वेक्षण में बताया गया है कि राज्य में सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 में मात्र 2.5% बढ़ा, लेकिन यहां प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है.

वित्त मंत्री के आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5% पर सिकुड़ गई. वर्तमान मूल्य पर बिहार की प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में 50555 थी. जबकि भारत की ₹86659 थी। विगत 5 वर्षों में बिहार में प्राथमिक क्षेत्र 2.3%, द्वितीय क्षेत्र 4.8% और तृतीयक क्षेत्र सर्वाधिक 8.5% की वृद्धि दर से बढ़ा. वर्ष 2020 में राज्य सरकार का राजस्व व्यय 128168 करोड़ों रुपए और पूंजीगत व्यय 36735 करोड़ रू था वहीं. 2020-21 में राज्य का अपने कर और करेत्तर स्रोतों से राजस्व 2019-20 के 33858 करोड रुपए से बढ़कर 36543 करोड़ों रुपए हो गया .

5 वर्षों में कृषि एवं समवर्ती क्षेत्र 2.1% की वार्षिक दर से बढ़ा . पशुधन एवं मत्स्य पालन की वृद्धि दर 10 एवं 7% रही . 2020-21 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 17.95 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2020-21 में 6.83 लाख टन मछली का उत्पादन होने से राज्य आत्मनिर्भर हो गया है. बिहार में दूध का कुल उत्पादन 2020-21 में 115.01लाख हो गयाहै। बिहार में हाल के वर्षों में औद्योगिक विकास हुआ है. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनेक नीतिगत उपाय किए गए हैं. 2017 से 2021 के बीच राज्य को कुल 54761 करोड़ों पर निवेश के 1918 प्रस्ताव मिले. 3 सर्वाधिक आकर्षक उद्योग में इथेनॉल, खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है.


 दिसंबर 2021 तक इथेनॉल क्षेत्र में कुल 32454 करोड रुपए निवेश वाली 159 इकाइयों को प्रथम स्तर पर अनापत्ति दी गई है. इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए  इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लागू की गई है। राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन में तेजी लाने के लिए ऑक्सीजन प्रोत्साहन नीति भी लागू की गई है. वर्ष 2011 की जनगणना में बिहार में शहरीकरण का स्तर महज 11.3% था. लेकिन शहरी केंद्र को प्रभावित करने के निर्णय के बाद वर्तमान स्तर 15.3% हो गया है. नगर विकास पर व्यय 2015-16 में 1648 करोड़ रुपए था जो 5 वर्षों में 68% बढ़कर 2766 करोड़ों का है.  वर्ष 2020-21 में राज्य में बैंकों की 270 नई शाखाएं शुरू हुई. सर्वाधिक 115 ब्रांच एसबीआई द्वारा खोली गई. उसके बाद 92 निजी क्षेत्रों के बैंक खोले गए. अन्य राष्ट्रीय बैंकों की कुल 52 शाखाएं खुली. बिहार में ऋण जमा अनुपात 2019 के 36.1% से बढ़कर 41.2% हो गया है. राज्य में सभी बैंकों की एनपीए मार्च 2020 में कुल अग्रिम का 14.9% थी जो मार्च 2021 में घटकर 11.8% रह गई है.

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