PATNA: नीतीश सरकार भू-माफियाओं व सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने वालों को जेल भेजेगी राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी प्रमंडल के कमिश्नर व डीएम को आदेश दिया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों से कहा है कि वे इस मामले को प्राथमिकता सूची में रखें। अतिक्रमण हटाने को लेकर तुरंत अभियान चलाएं। अतिक्रमण मुक्त हुए भूमि का ब्यौरा मुख्यालय को भेजें। पत्र में कहा गया है कि अतिक्रमण मुक्ति के लिए जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने वालों को एक साल की सजा और 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के 25 नवंबर के पत्र में कहा गया है कि 2015 में पटना हाई कोर्ट ने सार्वजनिक जमीन के अलावा जल निकायों को भी अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया था। यह आदेश रामपुनीत चौधरी बनाम राज्य सरकार मामले में दिया गया था। इस संदर्भ में कुछ जिलों ने सराहनीय काम किया है। लेकिन,अन्य जिलों की उपलब्धी संतोषजनक नहीं हैं। सभी कमिश्नर व डीएम लोक भूमि अतिक्रमण की धारा-3 के तहत अतिक्रमणवाद की शुरुआत करें। अतिक्रमणकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इस अधिनियम की धारा दो (1) में अंचलाधिकारी को समाहर्ता की शक्ति हासिल है। अंचलाधिकारी किसी अतिक्रमणकारी को जेल और जुर्माने की सजा दे सकते हैं। अंचल अधिकारी के अलावा भूमि सुधार उप समाहर्ता को भी अपने अधिकार क्षेत्र में यह अधिकार हासिल है।