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'पासवान' के सामने 'नन्हा बालक' हैं 'नीतीश'! 'रामविलास जी' 1969 में पहली दफे विधायक बने, तब नीतीश कुमार 'खेलते-पढ़ते' थे, सम्राट चौधरी ने CM के बयानों की उड़ाई खिल्ली

'पासवान' के सामने 'नन्हा बालक' हैं 'नीतीश'! 'रामविलास जी' 1969 में पहली दफे विधायक बने, तब नीतीश कुमार 'खेलते-पढ़ते' थे, सम्राट चौधरी ने CM के बयानों की उड़ाई खिल्ली

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज लोजपा(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को लड़का-बच्चा कहा। साथ ही चिराग के पिता दिवंगत रामविलास पासवान को राजनीतिक सम्मान व समर्थन देने का बखान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने रामविलास पासवान को न सिर्फ सम्मान दिया बल्कि शुरू से ही उनका समर्थन किया। इसके पहले नीतीश कुमार ने शकुनी चौधरी और सम्राट चौधरी को लेकर यही बातें कही थी। सीएम नीतीश कुमार द्वारा रामविलास पासवान को सम्मान व समर्थन देने की बात पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री की खिल्ली उड़ाई है। बीजेपी के सम्राट ने कहा कि जो शख्स रामविलास पासवान जैसी सख्शियत को सम्मान व समर्थन देने की बात कर रहे वो उनके आगे नन्हा सा बालक थे.

नीतीश कुमार को ज्ञान का अभाव-सम्राट 

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन इतना हर कोई जानता है कि रामविलास पासवान के आगे नीतीश कुमार नन्हा बालक हैं. पासवान जी 1969 में पहली दफे विधायक बने थे. तब नीतीश कुमार नन्हा बालक थे,विद्धार्थी थे . नीतीश कुमार पहली दफे 1985 में विधायक बने हैं. जो शख्स(नीतीश कुमार) 1985 में पहली दफे विधायक बना हो वो अपने से 16 साल पहले 1969 में विधायक बने उस बड़े नेता (पासवान) के बारे में कह रहा कि हमने हमेशा उनको समर्थन-सहयोग दिया है। नीतीश कुमार को ज्ञान ही नहीं है। रामविलास पासवान ने हाजीपुर लोस सीट से रिकॉर्ड मत से जीतकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड में अपना नाम दर्ज कराया है। 

अब कठपुतली सीएम बन गये नीतीश

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री के बयानों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि ये अब कठपुतली बन गये हैं. ये सबके पिता के बारे में यही बोल रहे हैं हमने फलां-फलां को काफी सम्मान दिया है। लेकिन ये अपने बारे में नहीं बताते हैं कि कैसे ये मुख्यमंत्री के कैंडिडेट बने। नीतीश कुमार अपनी पुरानी बातें भूल गये हैं,लेकिन बिहार की जनता और पुराने नेताओं को वो सारी बातें याद हैं.  


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