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संकट में हैं 'नीतीश'....! JDU का RJD में विलय की खबर से बवाल, 'कुशवाहा' ने नेतृत्व को दिया सख्त मैसेज...अब क्या करेंगे जेडीयू के सर्वेसर्वा ?

संकट में हैं 'नीतीश'....! JDU का RJD में विलय की खबर से बवाल, 'कुशवाहा' ने नेतृत्व को दिया सख्त मैसेज...अब क्या करेंगे जेडीयू के सर्वेसर्वा ?

PATNA:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेंगे। साथ ही बिहार के राजनीतिक गलियारे में एक गंभीर चर्चा जेडीयू-राजद के विलय को लेकर है। कहीं न कहीं इस चर्चा से जेडीयू के बड़े नेता-कार्यकर्ता व समर्थक भी हतप्रभ हैं. तभी तो जेडीयू में नंबर तीन के नेता ने खुलकर कह दिया कि अगर मर्जर की बात है तो यह मौत के समान है. यह आत्मधाती कदम है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि अभी 2025 की बात नहीं बल्कि 2024 पर ध्यान दें. कुशवाहा के बयान से राजनीतिक बवाल मच गया है।

मर्जर आत्मघाती कदम- कुशवाहा  

पटना में मीडिया से बात करते हुए जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी मंशा साफ कर दी। कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2025 वाली बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कह दिया कि सामने 2024 का चुनाव है. ऐसे में 2025 की नहीं बल्कि हम 2024 लोकसभा चुनाव पर फोकस किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद स्वयं तेजस्वी यादव ने बयान दिया है. उस पर गौर करिएगा तो सवाल का जवाब मिल जाएगा . कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी हम सब लोगों के सामने 2024 सामने है. लोकसभा का चुनाव पहले है इसके बाद विधानसभा का चुनाव होना है . अभी पूरी पार्टी के लिए या महागठबंधन के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव टारगेट है. अभी तो कुछ भी बात करेंगे तो उसी की तैयारी के संदर्भ में बात करेंगे. जेडीयू-राजद के मर्जर के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर किसी लेवल पर चर्चा नहीं हुई है. इतनी बड़ी बात पार्टी में बिना चर्चा के कैसे संभव है? फिर भी हम कहेंगे, अगर किसी कोने में यह बात है कि जेडीयू का मर्जर हो रहा है. अगर ऐसा होता है तो सीधे तौर पर यह आत्मघाती कदम होगा. जनता दल यूनाइटेड के लिए इस तरह की बातएक तरह से मौत की बात हो जाएगी. इसलिए ऐसा नहीं हो सकता है.

मर्जर की बात से भी कुढ़नी में हुआ नुकसान 

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कुढ़नी के चुनाव प्रचार की समीक्षा करेंगे. मर्जर जैसी बात या इस तरह की बातों को सुनकर हमारे मतदाता जो अति पिछड़ा, दलित समाज या कुर्मी कुशवाहा समाज के लोग, सामान्य जाति के लोग जो हमें पसंद करते हैं, वैसे लोगों में निश्चित रूप से एक नेगेटिव मैसेज आता है. इसलिए हमने कहा है हम समीक्षा करेंगे. कुढ़नी में ऐसा चुनाव परिणाम कैसे आया इसकी समीक्षा करेंगे। फिलहाल हम यही कहेंगे कि जनता दल यूनाइटेड मजबूती के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में है.

कुढ़नी की हार से ध्यान बंटाने की कोशिश में नीतीश 

 बता दें, हाल ही में कुढ़नी में हुए उप चुनाव में राजद समेत सात दलों के समर्थन के बाद भी नीतीश कुमार के कैंडिडेट मनोज कुशवाहा की हार हो गई थी। बीजेपी ने उस सीट पर कब्जा जमा लिया। रिजल्ट के बाद यह बात सामने आई कि जेडीयू का राजद के साथ जाने के बाद अति पिछड़ा वोट हाथ से निकल कर भाजपा में चला गया। अति पिछड़ा वोट पर अब तक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू अपना हक जताते रही थी। कुढ़नी में करारी हार से नीतीश कुमार बैकफुट पर हैं. सहयोगी राजद भी कहीं न कहीं जेडीयू की करारी हार से गदगद है। इसके बाद सीएम नीतीश ने बड़ा पॉलिटिकल गेम किया है और घोषणा कर दिया है कि 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेंगे. सीएम नीतीश की इस घोषणा के अगले ही दिन उपेन्द्र कुशवाहा ने 2025 की बजाय 2024 पर ध्यान केंद्रित करने की बात कह नीतीश कुमार को बड़ा टेंशन दे दिया है। 


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