SUPAUL: महागठबंधन से कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीत रंजन ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार स्वघोषित सुशासन बाबू है.उनकी नीयत में ही खोंट है. उन्होंने पहले भाजपा को सांप्रदायिक कह कर छोड़ा. फिर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से इसलिए हटा दिया कि उन्होंने दलित समाज के लिए कुछ कल्याणकारी फैसले लिये और उन्हें जब लगा कि तेजस्वी यादव बड़े नेता बन जायेंगे, तब उन्होंने महागठबंधन से किस तरह नाता तोड़ा सबको पता है और आज वे उन्हीं सांप्रदायिक लोगों के साथ हैं. मैं सुपौल की जनता को उनसे सावधान करना चाहती हूं.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके द्वारा 2014 में किया गए वादे, आज भी देश के लोगों के लिए उनके वादे, वादे ही रह गए. बस उनके कुछ मित्रों के लिए अच्छे दिन आये. रोजगार, महंगाई, शिक्षा, सुरक्षा जैसे मुद्दों पर कई वादे किये, लेकिन जब काम करने का समय आया तो वे विदेश में घूमने में लगे रहे. हालात यह हो गई है कि देश के युवाओं को पिछले पांच सालों में रोजगार नहीं मिला. इस वजह से आज देशभर में 20 लाख पदों पर बहाली नहीं हुई है. इसलिए कांग्रेस सरकार ने फैसला किया है कि महागठबंधन की सरकार आने के बाद सबसे पहले उन पदों को भरा जायेगा. साथ ही न्याय विकास योजना के तहत हर गरीब के अकाउंट में प्रत्येक महीने में छह हजार रूपए भी जमा कराये जायेंगे.
रंजीत रंजन ने सुपौल की जनता से कहा कि सुपौल-कोसी की परंपरा बेटी को सम्मान देने की रही है. आज जो लोग बेटी को घर से निकालने की कोशिश कर रहे हैं, सुपौल की जनता उनको सबक सिखायेगी और अपनी बेटी को फिर से समर्थन देगी. उन्होंने सुपौल के गांधी मैदान में 20 अप्रैल को होनी वाली कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली के लिए भी जनता को आमंत्रित भी किया. रंजीत रंजन ने सुपौल की जनता से मजबूत प्रतिनिधि चुनने की अपील की और कहा कि मजबूत प्रतिनिधि ही आपकी आवाज को संसद तक पहुंचायेगा.