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नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को न केवल पहचान दी बल्कि उन्हें राजनीति के केन्द्र में ला दिया :आरसीपी सिंह

नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को न केवल पहचान दी बल्कि उन्हें राजनीति के केन्द्र में ला दिया :आरसीपी सिंह

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को न केवल पहचान दी बल्कि उन्हें राजनीति के केन्द्र में ला दिया। यह कहना है कि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह का। 

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने आज गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ से संवाद किया। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संतोष कुमार महतो की अध्यक्षता में आयोजित आज के इस संवाद कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन कुमार आर्य, प्रगति मेहता, प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द निषाद, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप तथा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया सिंह मौजूद रहे।

इस मौके पर अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान है कि उन्होंने न्याय के साथ विकास को जमीन पर पहुंचाया। सत्ता में आते ही 2006 में अतिपिछड़ा समाज को उन्होंने न सिर्फ पंचायती राज और नगर निकाय में 20%आरक्षण दिया बल्कि सदियों से वंचित इस समाज के सर्वांगीण विकास के लिए काम किया। 

उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने इस समाज के लिए जो संघर्ष प्रारंभ किया उसे नीतीश कुमार ने अंजाम तक पहुंचाया। उन्होंने अतिपिछड़ों को न सिर्फ पहचान दी बल्कि राजनीति के केन्द्र में ला दिया।

आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा समाज को न सिर्फ शिक्षा में तमाम सहूलियतें दीं, बल्कि उनके रोजगार की व्यवस्था भी की। आज हर जिले में इस समाज के छात्र-छात्राओं के लए जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास की व्यवस्था है। अतिपिछड़ा समाज के 2417 छात्र-छात्राओं को बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर 50 हजार रुपए दिए जा चुके हैं। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर वे एक लाख रुपए के हकदार हैं। 

परिवहन योजना हो या उद्यमी योजना – मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इस समाज का खास ध्यान रखा। आज अतिपिछड़ों के लिए 1650 करोड़ रुपए से अधिक का बजट है। नीतीश कुमार के कार्यकाल में अतिपिछड़ों की न केवल आमदनी बढ़ी बल्कि स्वाभिमान की रक्षा भी हुई।

आरसीपी सिंह ने कहा कि श्री नीतीश कुमार के रहते अतिपिछड़ों को अपनी हिस्सेदारी की चिन्ता नहीं करनी चाहिए। आज लोकसभा में इस समाज से जदयू के पांच सांसद हैं। इस बार विधान परिषद में तीन की तीन सीट इस समाज को दी गई। इसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव में भी इस समाज की भागीदारी बढ़ेगी। नीतीश कुमार बिना मांगे अतिपिछड़ा समाज को उतना देंगे जितना उन्होंने सोचा भी नहीं होगा। उनकी सोच ही यही है कि विकसित बिहार तब होगा जब समाज विकसित होगा और समाज का विकास अतिपिछड़ों के विकास के बिना संभव नहीं।

उन्होंने कहा कि आज नेता प्रतिपक्ष जनता से माफी मांग रहे हैं, लेकिन जनता अब किसी के बहलावे में नहीं आएगी। नेता प्रतिपक्ष की तो खुद की कोई पहचान ही नहीं। उनकी जो पहचान है वो अपने माता-पिता से है। वे उनसे जाकर पूछें कि वंचितों के हक के लिए उन्होंने क्या किया। अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में तो उन्होंने अतिपिछड़ों के विकास का मार्ग ही बंद कर दिया था। 

आरसीपी सिंह ने अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों से कहा कि वे एक-एक पंचायत, एक-एक बूथ पर जाकर लोगों के मन को जानें, उनकी समस्याओं को सुनें और अपने नेता के कार्यों को बताएं। इस बार हमें लोगों के बीच ‘विकसित बिहार, नीतीश कुमार’ के नारे के साथ जाना है। 2020 में हमारी जीत हर बार से अधिक बड़ी होगी।

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